Page 2 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17                                                                                      माच , 2021
               ं







                                                                ं
                                                                           े
                                       अ य  एव  बध िनदशक जी का सदश  े ं
                                                         ं
                                  'क कण ग रमा' का 17वां अक ं   ब  पाठक  को   तत करते ह ए मझे अपार हष  हो रहा है। मझे  ु
                                                              ु
                                                                             ु
                                                                                         ु
                                  इस बात क  खशी है िक कोरोना काल म  भी क कण रल े वे क े  किम य   ारा समय पर इस अक ं  का
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                                   काशन िकया जा रहा है ।
                                                                                                             ु
               िहद ं ी क े   सार एव  ं िवकास क  गित को और ती  करने क े  सद ं भ  म  माननीय  धानमं ी  ारा िदए गए िनदश     क े  अनसार
               राजभाषा  िवभाग,गह  मं ालय  ने  राजभाषा  िहद ं ी  क े   सफल  काया  वयन  क े   िलए   ेरणा,   ो साहन,   ेम,   ाइज़,   िश ण,
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                योग,  चार,  सार,  बध ं न,  मोशन,  ितब ता और  यास इ यािद 12 “ ” क   परख े ा बनाई है। म  उ मीद करता ह   ँ
               िक हम िहद ं ी क े  सव ं ध न क े  िलए 12 “ ” का अग ं ीकार करते ह ए अपने सव ं ैधािनक दािय व  को पण  करग   े तथा अपने िनरत ं र
                                                                                           ू
               उ च  तर क े   यास  क े  मा यम से और नए क ित मान  थािपत करग   े ।

               कोरोना महामारी क े  दौरान भी क कण रल े वे ने आपदा को अवसर म  प रवित त करते ह ए प रचालन, प रयोजना और या ी
               सत ं ि  काय  क े  साथ राजभाषा काया  वयन म  भी सव  क  योगदान दत े े ह ए सस ं दीय राजभाषा सिमित क े  िनरी ण म  भी
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               सफलता हािसल क  है । साथ ही साथ इन प रि थितय  का सामना करते ह ए भी हमारी 'राजभाषा टीम' अपने काय  म
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               जटी रही और 'क कण ग रमा' का 17वां अक ं  समय पर  कािशत करते ह ए आप तक पह च ं ाया है । इसिलए पि का से जड़े  ु
               सभी रचनाकार , लेखक , सहयोिगय , क कण रल े वे क े  अिधका रय , कम चा रय  को हािद क बधाई दत े ा ह  । ँ

               राजभाषा तेज़ी से नवीनतम  ौ ोिगक , तकनीक  से जड़ रही है । इसक े  फल व प ही िवगत एक वष  से परप ं रागत तरीक
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               को बदल कर ऑन लाइन वेिबनार, सग ं ोि यां, बैठक    और अ य काय  म आयोिजत िकए जा रहे ह  । मझे परा िव ास है िक
                                                                                                   ू
                                                                                                ु
               िडिजटल मा यम  क े  उपयोग  ारा राजभाषा िहद ं ी क े  काया  वयन म  वि  करते ह ए हम गह मं ालय क े  सभी ल य हािसल
                                                                                      ृ
                                                                       ृ
               करग   े ।
                                                                           ु
               म  पि का क  उ रो र  गित, िनरत ं र  काशन और उ जवल भिव य क  सखद कामना करता ह   ं ।
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               इ ह  शभकामनाओ ं क े  साथ,
                                                           जय िह द ।
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