Page 7 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17 माच , 2021
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पास करना अिनवाय था । सर जॉज अ ाहम ि यस न ने मख भाषाओ ंक े बीच अब सां कितक सामंज य और सौहाद बढ़
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'िलंि वि टक सव ऑफ़ इंिडया' (भारत का भाषा सव ण) जैसा रहा है, यह एक शभ सक ं े त है। इससे भाषाई, सािहि यक-
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िवशाल थ ं तैयार िकया था, उस समय क सरकार ने 1927 म 11 सामािजक आदान- दान और आव यकता क सभ ं ावनाए ंबढ़ गई
खंड म इसका काशन िकया था। ये त य इस बात क पि करते ह । यही कारण है िक आज अम रका, जम नी, चीन जैसे दश े िहद ं ी
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ह िक िहद ं ी िव क े मानिच म अपनी उपि थित सश ढंग से दज़ सीखने क े िलए यासरत ह । कदािचत ये भारत को बाज़ार क े प
करा रही थी। इसक े ज़ रये भारतीय स ं कित भी अपनी सश म दख े ते ह इसिलए भी िहद ं ी सीख रहे ह । अब बाज़ार िहद ं ी क
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उपि थित दज़ करा रही थी और करा रही है। आज िवदश े म जयघोष का शख ं नाद कर रहा है । अब बह रा ीय क ं पिनयां
भारतीय शा ीय सग ं ीत, योग सीखने क े िलए िहद ं ी का मा यम जॉनसन एड ं जॉनसन, लास न एड ं ट ो, कोलगेट, कोको कोला
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अपना रहे ह । जैसी सैकड़ क ं पिनयां अपना उ पाद बेचने क े िलए िहद ं ी का सहारा
ले रही ह , वे जानती ह िक िहदं ी एक शि है, उसी क े मा यम से
िहद ं ी को लेकर िवदि े शय म भी भारत क स ं कित को समझने क जनता तक पह च ं ा जा सकता है। िकतनी बड़ी ताकत है िहद ं ी क ,
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िच बढ़ी है। यही कारण है िक कई दश े ने अपने यहा भारतीय िजसक े कारण वह िव म अपना परचम फहरा रही है ।
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भाषाओ ंको ो साहन दन े े क े िलए िश ण क क थापना क है।
भारतीय धम , इितहास और स ं कित पर िविभ न पाठय म आज यह बात मह वपण है िक मॉरीशस क े थम धानमं ी डॉ.
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सच ं ािलत करने क े अलावा इन क म िहद ं ी, उद और स ं कत ृ सर िशवसागर (जो मॉरीशस क े रा िपता क े प म जाने जाते ह )
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जैसी कई भारतीय भाषाओ ंम भी पाठय म सच ं ािलत िकए जाते ने 1975 म नागपर म आयोिजत थम िव िहद ं ी स मेलन म
ह । वै ीकरण और िनजीकरण क े इस प र य म अ य दश े क े अ य ीय भाषण म कहा था िक 'िहद ं ी भारत क रा भाषा तो है
साथ भारत क े बढ़ते यापा रक सब ं ध ं को दख े ते ह ए सब ं ि ं धत ही, लेिकन हमार े िलए इस बात का अिधक मह व है िक यह एक
यापा रक साझेदार दश े क भाषाओ ं क अ तर – िश ा क अत ं रा ीय भाषा है'। आज वह बात पण ता: िस हो रही है। सबको
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ज रत महसस क जाने लगी है।इस िववरण ने अ य दश े म िहद ं ी यह सव स मित से मानना चािहए िक िहद ं ी का इितहास तो
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को लोकि य और सरलता से सीखने यो य भारतीय भाषा बनाने म गौरवमयी है ही पर उसका भगोल भी तेजी से अत ं रा ीय प लेता
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काफ योगदान िकया है। अमरीका म कछ कल म च, पेिनश जा रहा है। अब िहद ं ी भाषा नह रही, वह जीने क लोबल शैली
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और जम न क े साथ-साथ िहद ं ी को भी िवदश े ी भाषा क े प म श ु बनती जा रही है। एक समय था जब िव म ि िटश रा य का सरज
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करने का फ ै सला िकया गया है। ययाक म िहद ं ी िश ण क े िलए डबता नह था। आज दिनया म िहद ं ी का सरज नह डबता है। यिद
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अनदान वीकत ह आ है। टे सास क े बलैटे हाई कल म 'नम ते िहद ं ी का यह जाद नह होता तो या गगल,िविकपीिडया लाख प ृ
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जी' पाठय प तक बेहद लोकि य हो रहा है। आ ेिलया क े िहद ं ी म दत े ा । िहद ं ी क ग रमा और मिहमा दोन बढ़ रही है। वह अब
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सरकारी कल म मे बन का रज ब क ाइमरी कल िव टो रयन सां कितक, सामािजक आ मीयता रचने का मा यम बन रही है
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दश े का पहला कल है िजसने अ ं ेजी क े अित र िहद ं ी को और िजद ं गी का िह सा बन रही है।
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अिनवाय भाषा क े प म पढ़ाने क वीकित दी है जहां लगभग
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500 से अिधक ब चे िहद ं ी सीख रहे ह । इसे दख े ते ह ए ऐसा लगता है दश े को एकता क माला म िपरोने वाली िहद ं ी,
िक िहद ं ी ने भाषा-िवषयक काय - े म वय ं क े िलए एक वैि क समचे िव म स ाव और मै ी क भावना को ढ़ कर,
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मा यता अिज त कर ली है। 'वसधैव कटंबकम' क ल य ाि क े िलए,
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ओज वी शि क े प म वय ं को िति त कर।
भारतीय अथ यव था क गित, म बाज़ार क आिथ क नीितयां
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और वै ीकरण क े प र े य म आज िव क े मानिच पर जो नए
भाषाई समीकरण उभर रहे ह उसम िहद ं ी अपनी मता का प रचय
द े रही है। भमंडलीकरण क े प रवेश म भाषाओ ंने सभी का यान
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आकिष त िकया है। ान, सजन, यापार, यवसाय, सािह य-
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स ं कित को बढ़ाने क े िलए अब िहद ं ी भी एक मह वपण त व क े प
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म उभर रही है। वै ीकरण क िविभ न ि याओ ंक े िव फोट और
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