Page 26 - Konkan Garima ank 19
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अंक - 19                                                                                        माच , 2022







            या  माण क  ओर  यान िदलाना।

            3.अपेि त िवषय या प - यवहार पर िवचार  प  करना ।      आवती पर आधा रत िट पणी म  सहायक अिधकारी क
                                                                                                                े
                          े
            िट पणी लेखन क दो  तर ह :                            सम  आवती क िववरण को काया लय म  क  जाने वाली
                                                                              े
            1. अिधकारी  तर पर →      शासिनक नेमी िट पणी एवं     कारवाई क संदभ  म  सं ेप म    तुत करता है।
                                                                         े

             वतःपूण  िट पणी                                     िजसका आरंभ  म सं या------------(   आवती पृ ---
                                                                             '

                                                                                                          )
                            →
            2. सहायक  तर पर   आवती पर आधा रत िट पणी एवं  -----------प ाचार से िकया जाता है।
                                                                    े
             वतःपूण  िट पणी                                     इसक पाँच चरण होते ह
             वतःपूण  िट पणी िकसी आवती पर आधा रत न होकर          1. आवती का िवषय
                                                                2. कारण
            प रि थित तथा आव यकता से उ प न सम या को हल
                                                                3. िनयम
                  े
            करने क िलए होती है। िट पणी का यह  व प  वतं

                                                                4. कायालय म  काय  क  ि थित
            िट पणी क  प म  होता है। इसम  सव  थम फाइल सं या,
                    े
                                                                5. सुझाव

                                     ,

                    ,
            काया लय िवभाग  का  नाम िदनांक  तथा  िवषय  का
                                                                आशा करता ह ँ िक इस अ यास से आपका काया लयीन
            उ लेख िकया जाता है। इसक प ात िट पणी का कलेवर।
                                    े
                                                                काय  आसान हो जाएगा और आप अपने िह दी काय  म
                    े
                                       े
            िट पणी क दाई ओर अिधकारी क आ  र      होते ह  एवं बाई
                                                                वृि  करगे।

            ओर उ चािधकारी को   तुत क  जाती है। िट पणी से        िव ाथ  - इस आपक माग दश न का हम अपने दैिनक
                                                                                    े
            सहमत होने पर संबंिधत अिधकारी िट पणी क नीचे दाई      काय  म  ज र उपयोग करगे। बह त बह त ध यवाद।
                                                   े

                                                                                            -
            और अपने ह ता र करता है।

                                        ईमानदारी एक जीवन शैली
                                                      -

                                                                                            -  वि नल सुधाकर झगड े

                                                                                          किन  इंजीिनयर, क कण रलवे
                                                                                                             े
                                                                                                    ,
                                                                     -
              सोच हमारी सही िदशा पर संक प  का संग रथ हो।       अलग अलग अंग  का भंडार है। वा तव म  यिद हम जीवन
                                    ,


                                    ,
            ढ़ िन य कर ल य को भदो  चाहे िकतना किठन पथ हो।       को करीब से देख  तो हम महसूस करगेिक यह िकतना  सुंदर
                                  े


                                                                             ,
                                                                                                            ‘
                                                                                                                 ’


                 ,
           सही है मानव जीवन   एक ई र क  सबसे अ ुत रचना है।
                                                               है। जीवन म  कोई भी रा ता िकसी क िलए आसान नह  है।
                                                                                              े
                                                            े
                    े
            भगवान न मानव को िदए गए िविभ न शि  बल  क चलत,
                                                      े
                                                               मानव जीवन म  लोग  क  सम याएं और िचंताएं वा तिवक'
                                                                                                        '
           उसको अ य जीव  से अलग करता है। मानव को जीवन
                                                                                                             ,

                                                                               े
                                                               ह । जीवन िकसी क िलए भी आसान नह  है। हालांिक हम
           भगवान  ारा िदया गया एक शि शाली वरदान है। मानव को
                                                               समझने क  आव यकता है िक यह जीवन कसा है। हर एक
                                                                                                     ै
                    े
           उन सभी क िलए आभारी होना चािहए जो हमार पास है और
                                                  े

                                                        ,
                                                               मानव अपना जीवन अपने तरीक से सुंदर और आनंदी बनाने
                                                                                          े
           मानव उसी िचज   से अपनी िज मेदारी को समझकर जीवन
                                                                                          ,
                                                                                    े

                                                               क िलए अपने अंदर क मू य  एवं अ छी शैिलओं का
                                                                े
           को बेहतर बनाने क  कोिशश करता है। जीवन एक पड़ाव   है,
                                                                                                        '
                                                                                     ,
                                                                                    ’
                                                                                       '
                                                                                ‘
                                                               उपयोग  करता  है।   ान  वाभािवक  गुण आचरण',
                                                                                                      '

                                                                                                       ,

                                                              24
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