Page 21 - Konkan Garima ank 19
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अंक - 19 माच , 2022
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अगले िदन से रलपथ िवभाग क किम य एवं प रचालन आवागमन क यव था ने सीमा पर क लोग क जीवन को
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तथा िसगनल एवं दूरसंचार िवभाग क किम य क िलए बेहद सुगम बना िदया है। दोन देश क नाग रक क एक दूसर े
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मशः अलग अलग स क यव था क गयी। मुझे क साथ बहद ही मधुरएवं सौहा पूण संबंध ह और ये लोग
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प रचालन तथा िसगनल दूरसंचार िवभाग क किम य क एक दूसर क साथ सामािजक आिथक धािम क एवं
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िश ण क िज़ मेदारी दी गयी थी िजसम टशन मा टर, सां कृ ितक प से काफ िनकट का संबंध रखते ह ।
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पॉइंट्समै एवं ई एस टी एम जैसे कम चारी शािमल थ। रामायण काल से ही लोग क बीच बटी रोटी का र ता
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साझे िवषय पर सभी िवभाग क किम य क क ाएं हमने चला आ रहा है एवं आज भी यहाँ के अिधकतर नाग रक,
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संयु प से ली। भाषा क सम या िबलक ु ल आड़ नह िज ह थानीय भाषा म मधेशी कहा जाता है वे नेपाली ' ' ,
आई य िक लगभग सवसंबंिधत यि िह दी एवं मैिथली भाषा के साथ साथ मैिथली भाषा का धड़ ले से योग -
भाषा अ छी तरह समझते ह । सभी िश णािथय को करते ह ।
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गाड़ी प रचालन क िविभ न पहलुओं से समुिचत तरीक से
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अवगत कराया गया िजससे वे िश ण क बाद अपने
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काय थल पर गािड़य क प रचालन को संर ापूवक करने
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म िनि त प से सफल रह गे एवं हमारी क कण रल भारत
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एवं नेपाल क बीच िवकास क इस आधारभूत सुिवधा को
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आन वाल िदन म और आधुिनक एवं प रमािज त करने म
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अपना योगदान जारी रखेगी एवं दोन देश क बीच क
अंतरा ीय स ब ध क एक मजबूत कड़ी सािबत होगी।
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नेपाल रलवे को अभी भारतीय रल क भांित काय प ित जनकपुर धाम राजिष जनक क नगर क प म भी जाना
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को अपनाने म थोड़ा व देना होगा एवं उसम वत मान जाता है एवं इस शहर म एवं इसक आसपास क इलाक म
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िनयम को और काय पयोगी बनाने क ज रत है। रल अनिगनत याितल ध मंिदर एवं तालाब अवि थत ह
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प रसर पर सुर ा प र य को सु ढ़ बनाने क िलए तैनात िजनम जानक मंिदर राम मंिदर धनुषधाम मंिदर तथा गंगा
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िकए जानेवाले जवान को उनक दािय व काय क दौरान सागर तालाब इ यािद मु य ह । सुबह मेरी न द मंिदर क घंट े
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आनवाली चुनौितय एवं उसे समुिचत तरीक से साधने क क आवाज से खुद बख़ुद खुल जाती थी एवं यहाँ का पूरा
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तरीक क बार म िव तृत प से िश ण िदया गया। वातावरण हर व भि भावना से ओत ोत रहता है।
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िश ण म सुर ा बल को उनक काय िनवहन क दौरान सुबह का सूरज बमुि कल िदख पाता था। धुंध और कोहर
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याि य क मदद एवं त समय मानवीय मू य क र ा से भरी सुबह म िब तर से िनकलना भी मुि कल लगता था
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करने क मह ा पर भी रोशनी डाली गयी िजससे उ ह अपने पर इस समय भी सुबह क एक घंट क योगा यास क साथ मर े
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दैिनक दािय व को िनभाने म काफ मदद िमलेगी। िदन क शु आत होती थी। अपने सुबह क िदनचया से
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जैसा सव िविदत है जनकपुर धाम नेपाल एक मुख िनवृ होने पर होटल से करीब चार िकलोमीटर दर
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धािम क थल है एवं यह वहा का एक बह त ही मह वपूण िश ण थल जाना और शाम को वापस आना यह
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पय टन थल भी है। भारत एवं नेपाल क सीमा पर िनबाध छोटी सी या ा भी उस कड़कड़ाती ठंड म बहद दु कर तीत
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