Page 17 - Konkan Garima ank 19
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अंक - 19                                                                                        माच , 2022








                        क कण रेल क  नई प रयोजना : रेल िव ुतीकरण


                                                                                                    - वी.आर.गवस
                                                                                                           व र  से शन इंजीिनयर  , क कण रलवे
                                                                                                              े
                                                                                   े
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                      पहाड़  से गुजरती है, क कण रल,                   हम यिद इितहास क प न  को पढ़ते ह  तब पता चलता है
                                                 े
                    निदय  को पार करती है, क कण रल,              िक भारत म   सव थम 3 फरवरी  1925 को ब बई वी टी
                                                                                            ,

                                े
               बारह महीने 24 घंट काय  करती है, क कण रल,
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                                                                                                    े
                                                                और क ु ला  हारबर क बीच  पहली िव ुत रलगाड़ी चलाई
                                                                                 े
               सबको साथ लेकर िवकास करती है, क कण रल।
                                                      े
                                                                         े

                                                                                               .
                                                                                           .

                                                                गई। यह स शन 1500 वो ट डी सी पर िव ुतीकृत ह आ
                  मानसून क िदन  म  देश क सबसे खूबसूरत झरन  से   था। इसक बाद म य रल क पूव  र लाइन म  इगतपुरी तक
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                                                                        े
                                                                                      े
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           भरपूर कोई माग  है तो वह है क कण रल माग , जो अपने     तथा दि ण पूव  लाइन म  पुणे तक िव ुत कष ण का िव तार
           आप म  एक अदभूत िमसाल है। अब खुशी क  बात यह है        िकया गया, जहां पि मी घाट  पर भारी चढ़ाई क कारण
                                                                                                          े
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           िक क कण रल माग  पर जब हरी-भरी च ान  क बीच से         िव ुत कष ण चालू करना अिनवाय  हो गया था। लेिकन
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           डीजल  इंजन  गािड़यां  गुजरगी,  तब  डीजल  इंजन  से     आज  भारतीय  रल  2023  तक  िमशन  100  फ सदी
                                                                               े
           िनकलता धुआं हवा म  नाचत पेड़  का दम घुटगा। इससे       िव ुतीकरण क  ओर अ सर है।  हाल ही  क  वष  म
                                     े
                                                    े
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           बचने क िलए माच ,2022 तक पुर माग  पर िव ुतीकरण  आयाितत पे ोिलयम आधा रत ऊजा  पर रा   क  िनभ रता
           का काय  पूरा कर िलया जाएगा। माच  क बाद डीजल क        को कम करने और देश क  ऊजा  सुर ा को बढ़ाने क िलए,
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                                                                                                           े
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           जगह िव ुत इंजन गािड़यां करंट क  र तार से दौड़गी यह     प रवहन क पया वरण क अनुकू ल, तज और ऊजा  क ु शल
                                                                                               े
                                                                                    े
                                                                         े
           बोलना गलत नह  होगा।                                  मोड  दान करने क   ि  से रलवे िव ुतीकरण पर बह त
                                                                                          े
                  आगामी समय म  पूरी दिनया म  रल क    म  सबसे    जोर िदया गया है। अनुमान है िक िदसंबर, 2023 तक
                                                   े
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           अिधक िनवश भारत म  होने जा रहा है। क कण रल म  भी
                                                                भारतीय रल क सभी  ॉड गज  माग  को िव ुतीकृत िकया
                                                                        े
                                                                                       े
                                                                            े
           ऐसे कई मह वपूण , मह वाकां ी प रयोजनाएं एक साथ        जाएगा।
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           अपनी   परखा  को  अंितम   व प  देने  जा  रही  ह ।             इससे ईधन पर होने वाला खच  बड़ी मा ा म   कम हो
                                                                             ं
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           दोहरीकरण,  िव ुतीकरण,  नया  रलमाग   जैसे  मौजूदा     जायगा। िव ुतीकरण क  िदशा म  भारतीय रल ने महामारी
                                                                    े
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           गािड़य  क  औसत र तार बढ़ाने और कई नए रलव       टशन     क  अ  यािशत चुनौितय  क बावजूद सवािधक माग  का
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           बनाने  क   योजनाएं इसम   शािमल  ह ।  क कण  रल जो     िव ुतीकरण िकया है। भारतीय रल ने वष  2020-21 म
                                                      े
                                                                                             े
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           शु आत से ही अपनी उलझन  से परशान रहा है, पहाड़  क   6015 माग  िकलोमीटर का िव ुतीकरण िकया है, ये एक
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           ढलान और ऊ ं चाइय  पर दौड़ती संभलती  न कभी च ान   वष  म  सवा िधक है।  रेलवे ने ये काम कोरोना के   कारण लगे
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           क िखसकने, तो कभी  क पर पेड़  क िगरन जसी घटनाओं        लॉकडाउन क दौरान िकया है। वष  2018-19 म  रलवे ने
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           से दो चार होती रही है। क कण रलवे ने हर मुसीबत म  खुद   5276 माग  िकलोमीटर का िव ुतीकरण िकया था, मगर
                                       े
           को संभालते ह ए हमेशा अपनी  अलग पहचान बनाई है।        वष  2020-21 म  करीब 800 माग  िकलोमीटर अिधक
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