Page 14 - Konkan Garima ank 19
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अंक - 19                                                                                        माच , 2022







                                          नैनो िव ान और  ौ ोिगक

                                                                                                     - ि या पोकले

                                                                                                 किन  अनुवादक, क कण रेलवे


            नैनो िकतना बड़ा होता है या िकतना छोटा। इसे जानने क  सवािधक चिच त नैनो श द  ीक भाषा क  उ पि  है ।
                                                            े

                                         े
                                                                                                         े
            िलए हम इसक  शु आत नैनो क इितहास से करते ह ।  िजसका अथ  है 'िठगना' या 'नाटा'। इस तकनीक क मा यम
                                                       े
            आरंभ से ही सू म का अ ययन मानवीय उ सुकता क क    से काब न को वाि पत कर उसे सि य गैस  म  संघिनत करक
                                                          े
                                                                                                                े
            म  रहा है। हमार पुराने  ंथ  म  पदाथ  िव ान और सू मता     उसक  ि  टल  बनाए  जा  सकते  ह   तथा  काब न  क
                         े
                                                                    े
                                                                                 ,
                                                                                       ,



            का  वणन  िमलता  है ।  लगभग  3000   वष   पूव   रिचत  अितसू म निलकाएं गोले खोल बफ क फाहे और अ य


                                                                                                  े
                                               े
                                     े
                                                     े
             ता तरोपिनषद् म    ा ड क सबसे छोट कण क माप का  उपयोगी सू म कण  का बनाया जाना स भव ह आ है। इस
             े
            वणन िमलता है।                                        िविध से उ पािदत सू म कण  का उपयोग कसर क  नई


                                                                         े
                                                                                             े
                                                                दवाओं क साथ ही अ य रोग  क उपचार म  िकया जा
            कशा शतभाग य शतांशः सा शा मकः।                       सकता है।
             े
            जीवः सू म व पोयं सं यातीतो ही िच कणः।।
                                                                 ै
                                                                ननो िव ान और  ौ ोिगक  का मूल आधार
                                                                 थूल पदाथ  को लघुकृ त  कर जब अ य त सू म ि थित म
            यिद कश क अ भाग को सौ भाग  म  िवभािजत िकया जाए
                     े
                 े
                                                                                           े
                                                                पह ंचा िदया जाता है तब इसक गुणधम  म   ाि तकारी
            और   येक भाग को और सौ भाग  म  िवभािजत िकया
                                                                                            े
                                                                प रवत न आ जाता है। पदाथ  क सू मीकरण  ि या से
               ,

            जाए तब शेष बचा ह आ भाग   ा ड का सू माितसू म
                                                                 ा  एक िनधा  रत आकार वाले कण  को नैनो कण या नैनो

            भागहोगा।

                                                                त व कहते ह । नैनो  प म  सू मीकृत इन पदािथय  कण  म
                                                            े

            यह  उ लेखनीय  है  िक  उपयु   विण त    ा ड  क
                                                                             े
                                                                    े
                                                                आन वाले िवशष गुण ही इस नई  ाि तकारी िव ान और
                                         े
            सू माितसू म भाग का मापन नैनो क समतु य होता है।
                                                                 ौ ोिगक  का मूल आधार है।
             ै
            व ािनक  ने हमेशा ही अपनी सहज शोध  वृि  और
                                                                ननो िव ान और  ौ ोिगक  क  क याणकारी खोज
                                                                 ै
            अनवरत ि याशीलता क  ारा  कृ ित म  िछपे बसे गुण  एवं
                                 े
                                                                नैनो िव ान से उपजी तकनीक  ने पेयजल ऊजा कृिष,


                                                                                                     ,

                                                                                                           ,
            िवशेषताओं को मानव िहतकारी  प  म  ढालकर समाज
                                                                                                    े
                                                                संचार एवं िव  यापी  दषण क  सम या क साथ ही कसर

                                                                                     ू
            को परोसा है। इसी सहज वै ािनक ि याशीलता और
                                                                                                           े
                                                                                                 े
                                                                तथा ऐसी अ य जानलेवा बीमा रय  क िनवारण क िलए
            शोधीय  वृि  क चलते महान व ािनक  रचड िथनमन ने
                                                         ै
                                       ै

                          े
                                                                                       े
                                                                िव वािसय  को नया पैकज िदया है।  इस   ाि तकारी
            नोबेल पुर कार  ाि  क समय आज से साढ़े चार दशक से
                               े
                                                                िव ान और  ौ ोिगक   ारा आिव कृत िविभ न  े   म
            भी पूव   िदस बर, 1959   म  अपने त कालीन भाषण से
                   9

                  2
                                                                 यु  हो रहे  भावकारी साधन  म  से क ु छ क िववरण इस
                                                                                                      े
            नैनो  िव ान  क   भावी  स भावनाओं  को   प    प  से
                                                                 कार ह ः-
                                    ै
            े
                                                      े
                                             े
            रखांिकत िकया था। आज व ािनक  क  यास क चलते

                                                                कसर जैसे लाइलाज रोग  क िनवारण म  नैनो िव ान क
                                                                                        े
            िथनमैन क  वह सोच उ रो र ठोस वा तिवकताओं क
                                                            े
                                                                भूिमका नैनो तकनीक  क  उपयोिगताओं पर काम कर रहे

                                                                       -
             प म  सामने आ रही है।
                                                                                               े
                                                                जम नी ि थत 'मै स  लांक' सं थान क व ािनक  ने ' वांटम
                                                                                                 ै
            वतमान समय म  िव ान और  ौ ोिगक य शोध क  े  म

                                                      े
                                                              12
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