Page 19 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17                                                                                          माच , 2021
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                                                                                                       ु
               अव था म  ह  एव  ं ये महगी भी ह । जो हाइ ोजन क  उ पादन   तथा दसर  े छोर पर अ य ऊजा   ोत को  य  करना चाहता
                                                                         ू
                                  ँ
               लागत को बढ़ाती ह ।                                    है।
               ·  एक सय ं   ं  क े  परा होने क े  बाद  यल सेल क े  रखरखाव क    ·  हाइ ोजन कोई इंधन नह  है, वरन िबजली क  तरह ऊजा
                                             ू
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               लागत काफ  अिधक हो सकती है।                           का एक द  सव ं ाहक है।
               ·  ईध ं न क े   प म  और उ ोग  म  हाइ ोजन क े   यावसाियक   ·  नवीकरणीय एव  ं नवीन ऊजा   ोत मं ालय का आकलन
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               उपयोग क े  िलये अनसध ं ान व िवकास , भड ं ारण, प रवहन एव  ं  है िक 1 िकलो ाम है ोजन उ पादन करने क  लागत  पए
               मांग िनमा ण हेत हाइ ोजन क े  उ पादन से जड़ी  ौ ोिगक    200 से  पए 250 तक है, जो ऊजा  क े  अ य स   क  क मत
                                                                                                         ू
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               और  बिनयादी  ढाचे  म   काफ   अिधक  िनवेश  करने  क    क े  समत य है।
                                                                          ु
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               आव यकता होगी।                                        ·  नवीकरणीय एव  ं नवीन ऊजा   ोत मं ालय तथा नीित
               हाइ ोजनः पया वरण िम वत्                              आयोग दोन  का ही यह मानना है िक   इले  ोिलिसस से
                                                                    हाइ ोजन का उ पादन करना अपे ाकत अिधक िकफायती
                                                                                                   ृ
               ·   व छ हाइ ोजन वैि क  ीनहाउस गैस उ सज न म
                                                                    है।  सन  2025  तक  वैि क   तर  पर  इले  ोिलिसस  से
               34% तक क  कमी ला सकती है।
                                                                    हाइ ोजन उ पादन  मता सन 2015 क  तलना म  55 गना  ु
                                                                                                        ु
               ·  भारत हाइ ोजन िनकालने क े  िलए एक छोर पर कोयला
                                                                    बढ़ जाने क  सभ ं ावना है।


                            रा  ीय एकता क सदभ म िह दी का मह व
                                                         े ं


                                                                                                          ं
                                                                                                       - सतोष पाटोळे
                                                                                                   राजभाषा सहायक, र नािगरी


               रा  ीय एकता क े  सद ं भ  मे िह दी क े  मह व का बखान बह त  यही ि थित हमारी रा  भाषा क  भी है। हमारा मानना है िक
               लोग  ने िकया है पर शायद ही कोई यह बता पाया हो िक  इस सक ं ट का कारण यही है िक हम अपनी भाषा क े   ित
               आिखर रा  ीय एकता क  ज रत िकसे और  य  है? इस  उदासीन रवैया अपनाए ह ए ह । हर कोई िह दी क े  िवकास क
               एकता क  ज रत समाज को है या  यि  को है? हमारा यह  बात कर रहा है पर पर कार  तथा स मान का मोह ऐसा है िक
                                                                                    ु
                  अटपटा ज र लगता है पर िचत ं न क े  सद ं भ  म  अ यत ं   लोग अपनी भाषा क  स चाई क े   ित उदासीन ह । आिखर
               मह वपण  है। हमार  े यह बि जीिवय  का झड ं  अब रा  ,  िह दी क े   ित हम  सतक     य  होना चािहए, इसी उ र क
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                दश े , शहर, मोह ला, प रवार और  यि  क े   म म  सोचता  खोज ही रा  ीय एकता म  िह दी का मह व िस  कर सकती
               है और यही कारण है िक वह राजक य स  ं थाओ ंसे ही िह दी  है।
               क े  िवकास का सपना दख े ता है। हम  यि  से रा   क े   म म   जब तक सरकारी नौकरी ही इस दश े  म  म यम वग  का
                                                                                                   ँ
               सोचते ह । हमारा मानना है िक  यि  मजबत हो तो ही रा    आधार था तब सरकारी कामकाज म  अ ेजी भाषा का वच  व
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               मजबत हो सकता है। इस मजबती को आधार अपनी भिम,  था। उस समय इसक  आलोचना क े  जवाब म  कहा जाता था
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               भाव तथा भाषा क े   ित िव ास िदखाने और उसे िनभाने से  िक िह दी को रोजगारमलक बनाया जाना चािहए। कालांतर
                                                                                       ू
               ही  िमल  सकता  है।  हम  आज  दश े   म   अनेक   कार  क े   म  िह दी क े  कामकाज का  भाव बढ़ा। अब म यम वग  क े  िलए
               राजनीितक, आिथ क, सामािजक तथा धािम क सक ं ट  क े   नौक रयां सरकारी  े  म  कम है और िनजी  े  इसक े  िलए
               आ मण का सामना कर रहे ह । समाज डोलता िदख रहा है।  आगे आता जा रहा है। ले - दक े र बात वह  आकर अटकती है


                                                                  17
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