Page 23 - Konkan Garima 17th Ebook
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               अमे रका ने भी हामी भरी ह । हमार  े पड़ोसी रा   जो िक  फ   कना ह ।   ाचार को िमटाने क े  िलए न  र त द    न ल  ।  दश े
               आतंकवादी और िव ोह से भर  ेह  उ हे छोड़कर बाक  सभी दश े   को एक होना ह  तो हमे  वाथ , िव ोह, जाितवाद से बाहर

               हमार  े साथ ह  इसका ऐलान भी उ ह ने िकया ह । यह िवकास   िनकलकर एक होना ह । हमार  ेदश े  मे बोली से लेकर खानपान म
               क  तरफ़ जा रहे हमार  ेदश े  को एक  गित क े  माग  पर ले जाने म   भी िविवधताए होते ह ए भी हम एक ह । सभी दश े वािसय  को एक
                                                                               ँ
               बह त बड़ा योगदान ह । इसे हम  बरकरार रखना आव यक ह ।   होकर जात-पात, उ च-नीच, अमीर-गरीब भेदभाव को दर कर
                                                                                                                ू
               इसिलए हम  हमार  े िलए बनी सभी सरकारी योजनाओ ंको परी  ू  “एक भारत  े  भारत” बनाने म  काय  करना ह । यह क े वल
               तरह से सहयोग दन े ा ह  उसका हमार  े उ वल भिव य क े  िलए  िकसी एक  यि  या रा य क  िज मेवारी नह , यह सम त
               काया ि वत करना आव यक ह ।  दश े  क े   वछता अिभयान का  दश े वािसय  क  िज़ मेदारी ह । िजससे हम सभी को “मजहब
               एक िह सा बने। दश े  को  साफ सथरा रखने म  सहायक बने  नह  िसखाता आपस म  बैर रखना, िहद ं ी ह  हम वतन ह ,
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               और आदश  बनाने म  मदद कर।    मिहलाओ ंक  इ जत कर।     िहद ं ो ता  हमारा”  यह  नारा  जो  दश े   क े   आजादी  क े   िलए
               उसे अपने से कम न समझ  । लड़िकय  को िशि त बनाए, अपने   ेरणादायी बना तो आज इसे िफर एक बार दोहराकर हमार  े
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               पैरो पर खड़ा कर।    सरकार  ारा दी गयी सिवधाओ ंका फायदा  बीच क  सभी दीवार  को िमटाकर क े वल हमार  े दश े  क े   ित
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               लेकर उ ह  आ मिनभ र बनाए, स म बनाए। दश े  क  आत ं  रक  कत  य को  यान मे रखकर “ एक भारत  े  भारत “ सही

               िववाद  को िमटाने क े  िलए  यास कर   । हम  िसफ    दश े  क े   गित  मायने मे कामयाब बनाएगे । ँ
               क े  बीच का यह एक रोड़ा बनकर खड़ा ह  उसे बाहर िनकाल



               िम ी क बतन  का इ तमाल - आ मिनभर भारत क  ओर
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                                                                                              - बाबासाहब े  सर  े   नाडगे
                                                                                                           ु
                                                                                          व र   े ीय अिभयत ं ा, र नािगरी
               आधिनकता का हमार  े जीवन पर इतना  भाव पड़ा है िक न  पदाथ  क े  िमि त होने क  सभ ं ावना बढ़ जाती है । आपको परी  ू
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               क े वल हमार  े रहन-सहन क े  तरीक े  म  बदलाव आया है बि क  लाइफ  व थ रहना ह  तो  ेशर ककर क  बजाय िम ी क े  हांडी
                                                                                              ु
               हमार  े खान-पान का तरीका भी परी तरह से बदल गया है।  म  खाना बनाकर खाना चािहए। जी हां हमारी बॉडी को रोजाना
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               इसक े  चलते िकचन म  भी इसी तरह कई बदलाव ह ए है। जी हां  18  कार क े  स म पोषक त व  क  ज रत होती है, जो िम ी
                                                                                ू
               पहले मिहलाए  ं खाना बनाने क े  िलए च हे और िम ी क े  बत न  क े  बत न  म  बने खाने से आसानी से िमल जाती है। इन स म
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                                                                                                                  ू
               का  योग िकया करते थे, अब उनक  जगह गैस च ह , ि ज  पोषक  त व   म ि शयम,  मै नीिशयम,  स फर,  आयरन,
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               और ओवन ने ले िलया है।                                िसिलकॉन, कोबा ट, िज सम आिद शािमल होते ह । वह   ेशर
               कई हजार साल से भारत म  िम ी क े  बत न  का इ तेमाल िकया  ककर से बने भोजन म  सार  े पोषक-त व न  हो जाते ह  ।
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               जाता रहा है  य िक िम ी क े  बत न  म  खाना पकाने से ऐसे  इसिलए िम ी क े  ही बत न म  खाना बनाना चािहए ।

               पोषक त व िमलते ह , जो हर बीमारी को शरीर से दर रखते थे।   व थ शरीर क े  िलए ज री है िक भोजन क   भावशीलता
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               इस बात को अब आधिनक िव ान भी सािबत कर चका है िक  तरत ं  राहत पह च ं ाने क   मता एव  ं द  भाव  से रिहत  थायी
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               िम ी क े  बत न  म  खाना बनाने से शरीर क े  कई तरह क े  रोग  मि  इस मापदड ं   को प रपण  करती है । आइये जानते ह   य
                                                                                          ू
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               ठीक होते ह  हालांिक आज से 200 साल पहले से ही िम ी क े   िम ी क े  बत न  म  खाना पकाना चािहए ।
               बत न  का  योग होना बद ं  हो गया. इसक े  पीछे क  म य वजह  •  पौि क भोजन
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               थी बाजार म  ए यिमिनयमऔर  लाि टक क े  बत न  का  यादा  आयव द क े  अनसार, अगर भोजन को पौि क और  वािद
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                                                                                 ु
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               इ तेमाल करना। िजसम  भोजन म  हािनकारक रासायिनक  बनाना है तो उसे धीर- े धीर  ेही पकना चािहए। साथ ही भोजन म
                                                                  21
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