Page 22 - Konkan Garima 17th Ebook
P. 22

अक - 17                                                                                          माच , 2021
               ं






               आव यकता क  पित  होना बह त ही आव यक ह  और इस  बाहर आने म  मदद िमलेगी और  वदश े ी व तए  ंजो हमने बनाने
                                                                                                       ु
                               ू
               योजना क े  अत ं ग त यह सिवधा  ा  होगी। भले ही हम पैस  क   और उसक े  आगे चलते ह ए उसे िनया त करने म  भी स म हो
                                   ु
                          ँ
               समान रख े ाए नह  पाएग ं े लेिकन जो  ाथिमक आव यकताए ह   ँ  जाएग ं े।
               उसक े  िलए अब तरसना नह  पड़ेगा। यही सभी दश े वािसय  को
                                                                                            ु
               एक करने मे और दश े  को सव  े  बनाने म  कामयाब ह गे।  एक भारत  े  भारत क े  इस मिहम क े  िलए  धानमं ीजी ने जो
                                                                           ँ
                    ं
               नोटबदी – एक ऐसा िस का जो  धानमं ी मोदी जी ने 2016    योजनाए बनाई ह  जो िक सही मायने म  हमार  ेदश े  को एक साथ
                                                                                                 ू
               म  लाग िकया िजसक े  चलते दश े  क  करस   ी पर उसका बह त   लाएगी ही साथ ही साथ आपस क  दरी को भी िमटाएगी। िजस
                     ू
                                                                                                                 ँ
                                                                                       ृ
               बड़ा असर िदखाई िदया। जो घर म  और द तर म  रखे काले     तरह हमार  ेदश े  क  स  ं कित ह , उसका एक उदाहरण यहा दन े ा
                                                                                                    ु
               धन को बक ं   म  जमा िकया गया और करोड़ो  पए कछ ही िदन    चाह ग ं ी – आज भी हमारा दश े  उतना आधिनक नह  िजतना क
                                                       ु
                                                                                                    ँ
               मे ब क म  जमा कर िदए गए। िजससे िक दश े  क  आिथ क ि थित   िवदश े  । हमार  े दश े  म  आज भी शािदया अपने पहचान और
                                                                             ु
               म  बदलाव लाया।   ाचार को कम करने म  यह बह त ही       िकसी क े  सझाव  ारा क  जाती ह । लड़क  क  शादी ऐसे घर म
               असरदार रहा। दश े  म   यापार करने वाली 3 लाख से  यादा   क  जाती ह  जहा वह न क े वल सभी सद य ही उसक े  िलए
               फज  क ं पिनयां रडार पर ह , जबिक 2.1 लाख फज  क ं पिनय    अप रिचत होते ह  बि क उसक े  होने वाले पती क  जानकारी
               का रिज  ेशन क   सल कर िदया गया है। इसम  बताया गया है   नह  होती ह । ऐसे म  वह लड़क  शादी क े  बाद उन सभी स  ं कार
                                                                                                      ु
               िक नोटबद ं ी क े  चलते 400 से  यादा बेनामी लेनदन े  क    को अपनाती ह , सभी को अपनाती ह । िबलकल उसी तरह एक
                                                                                                                  ँ
               पहचान हो गयी। अब तो काले धन को लेना भी मि कल और      भारत म  सभी 20 रा य  ,िजसम  िकतनी अलग भाषाए ह ,
                                                       ु
                        ु
               दन े ा  भी  मि कल  हो  गया  ह ।  सभी   यवहार  शत- ितशत   िविभ न खानपान, रहन-सहन  म  िविवधता ह । हर एक रा य
                                                                                                          ू
               पारदिश ता म  बदल गए । हर  यि  अगर दश े  क े  उ वल भिव य    क  अपनी एक अलग पहचान ह । हम  िवदश े  मे घमने से अ छा
               क े  बार  ेम  सोचे तो जमाखोरी नह  होगी और जो   ाचार हो रहा   अगर हम एक एक करक े  सभी अपने दश े  क े  सभी रा य  म
                                                                                                     ँ
                                                                                       ँ
               ह  वह भी न क े  बराबर हो जाएगा।  अगर हर  यि  अपने काम से   पय टक  बने  और  वहा  क   िविवधताए  जैसे  रीित रवाज,
                                                                        ृ
                                                                                       ृ
               िमले उ प न से खश रहे और  यादा लालच न कर    तो दश े  म    स  ं कित, कला- लोकन य,सग ं ीत और सािह य को मह व द
                              ु
                                                                                               ू
               जो गरीबी अमीरी क  बड़ी िदवार बनी ह  यह िमट जाएगी। यही   तो दश े  को आिथ क  प म  मजबत बनाने म  सहायक बन गे।
                                                                                                           ू
               सोचकर इस योजनाओ ंको  धानमं ी जी ने इस नोटबद ं ी को   सभी रा य  क े  कारीगर को काम दन े े मे एक मह वपण   योगदान
                                                                                        ँ
                                                                                                             ु
               अपनाया तािक   ाचार से जमाखोरी को लगाम लगाया जा        दान करग   ा िजससे वहा क े  लोग उनक  आिथ क दब लता से
               सक े । इससे सभी दश े वािसय  म  समानता बनी रहेगी और एक   बाहर िनकालने सफल बन गे । हम सभी को हर एक रा य क
                                                                                                 ँ
                                                                                          ृ
                े  भारत बनने म  हम  कोई रोक नह  पाएगा ।             बोलचाल, खानपान, स  ं कित वहा क  िवशेषताओ ं से भी
                                                                    प रचय होगा। इससे हमार  े उच-नीच क  बनी िदवार को भी
               आ मिनभ रता- हमारा दश े  छोटी-छोटी व तओ ंक े  िलए भी  िमटा पाएग ं े। हमार  े दश े  क े  600 िजलाओ ंको साथ म  सग ं िठत
                                                    ु
               दसर  दश े   पर िनभ र ह । हमार  े दश े  म  इले  ॉिनक योजनाओ ं  होने से कोई रोक नह  पाएगा, इसिलए सभी दश े वािसय  ने
                 ू
               क े  आइटम बाहरी दश े  से मांगते ह । हमारा यहा कशल कारीगर  इसतरह अपने दश े  क े  िवकास क े  बार  े मे सोचा और अपनाकर
                                                    ँ ु
               क  कोई कमी नह  ह । मेक इन इंिडया  को योजना क े  तहत दश े    येय बनाया तो हमार  े दश े  को दिनया म  सबसे  े  रा   बनने
                                                                                             ु
               म  िवदि े शय  को  यापार करने क े  िलए िनवेश क े  तौर पर खला  ु  से कोई रोक नह  पाएगा।
               कर, अपने ही दश े  क े  कारीगर को वहा पर काम दक े र  वदश े ी
                                              ँ
               व तए बनाने से हम आ मिनभ र बनते ह ।  इसिलए इस योजना    धानमं ी जी ने न क े वल  वदश े  म  सब ं ध ं  क े  मह व को
                    ँ ु
               अत ं ग त बाहरी दश े   को िनवेश से, अपने लोग  को काम दक े र,   समझाया बि क उ ह ने बाहरी दश े   क े  साथ भी साझेगीरी क  ।
                                                                                                                ँ
               अपनी व तए बनाने मे कामयाब ह गे। इससे बेरोजगारी से भी   हमार  े दश े  क  सहायता क े  िलए बाहरी दश े   ने यहा तक
                         ु
                                                                  20
   17   18   19   20   21   22   23   24   25   26   27