Page 2 - Konkan Garima ank 19
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अ य  एवं  बंध िनदेशक जी का संदेश


                             क कण ग रमा' का  वां अंक  बु  पाठक  को   तुत करते हए मुझे अपार हष  हो रहा है।
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                             मुझे इस बात क  खुशी है िक कोरोना काल म  भी क कण रेलवे क े  किम य   ारा समय पर इस
                             अंक का  काशन िकया जा रहा है।

                           मुझे सभी को अवगत कराते ह ए अ यंत  स नता होती है िक गृह मं ालय,राजभाषा िवभाग

                   ारा िदनांक 22.10.2021  को मडगांव,गोवा म  आयोिजत  े ीय राजभाषा स मेलन म  क कण रेलवे क े
                  मडगांव काया लय को राजभाषा काया  वयन म  सराहनीय काय  करने क े  िलए वष  2017-18     क े  िलए

                  तृतीय  थान, वष  2018-19   क े  िलए  थम  थान और वष  2019-20    क े  िलए तृतीय  थान क े  ' े ीय
                  राजभाषा पुर कार' से स मािनत िकया गया। इसक े  िलए सभी अिधका रय , कम   रय  को बधाई ।
                                                                                       ा


                                                                                      च
                           अपने काया लयीन दािय व  क े  साथ ही साथ हम भारत सरकार, गृह मं ालय, राजभाषा िवभाग
                  क े  िदशा-िनद श  क े   ित भी सजग ह  और अपनी िज़ मेदारी  िनभाते ह ए राजभाषा क े  काम-काज क े  साथ



                  भी बहत ऊजा  क े  साथ जुड़े हए ह । िहंदी क े   सार एवं िवकास क  गित को और ती  करने क े  संदभ  म
                  माननीय  धानमं ी  ारा िदए गए िनद श  क े  अनुसार राजभाषा िवभाग,गृह मं ालय ने राजभाषा िहंदी क े
                  सफल काया  वयन क े  िलए  ेरणा,  ो साहन,  ेम,  ाइज़,  िश ण,  योग,  चार,  सार,  बंधन,

                   मोशन,  ितब ता और  यास इ यािद 12“ ” क   परेखा बनाई है। म उ मीद करता ह ँ िक हम िहदी
                                                                                                        ं

                                        ”
                  क े  संवध न क े  िलए 12“    का अंगीकार करते हए अपने संवैधािनक दािय व  को पूण  कर गे तथा अपने

                  िनरंतर उ च  तर क े   यास  क े  मा यम से और नए क ित मान  थािपत कर गे।
                           क कण रेलवे िजस तरीक े  से अपने िनमा ण काय  से रा   िनमा ण म  मह वपूण  योगदान दे रही है



                                                                                                          े
                                                                                           ै
                                                                                      े
                  उसी तरह राजभाषा िहंदी क मा यम स भी रा   िनमाण म मह वपूण योगदान द रही ह और राजभाषा क
                                                   े
                                          े
                   े  म  भी उ रो र  योग बढ़ाने क  िदशा म  अ सर हो रही है।
                           आप इस पि का को जो  नेह दे रहे ह , उसक े  िलए हम सभी पाठक  क े  आभारी ह । म  सभी

                  किम य  से अपे ा करता हं िक राजभाषा क े  अनुक ू ल वातावरण बनाए रखते हए आप इस पि का क

                  िनरंतर  गित क े  िलए  यास जारी रख , आपक  भागीदारी सुिनि त कर । आपका अ ितम सहयोग ही
                  इसे िवशेष पहचान देने म  सफल होगा।

                  म पि का क  उ रो र  गित, िनरंतर  काशन और उ जवल भिव य क  सुखद कामना करता हं।

                  इ ह  शुभकामनाओं क े  साथ,
                                                              जय िह द  ।

                                                                                  (संजय  गु ा )

                                                                            अ य  एवं  बंध िनदेशक
                                                                         क कण रेलवे कॉप रेशन िलिमटेड
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