Page 4 - Konkan Garima ank 19
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अंक - 19                                                                                        माच , 202 2







                                  मु य राजभाषा अिधकारी क  कलम से......





                                 ‘क कण ग रमा ' क सम त पाठक  को मेरा हािद क अिभनंदन  ।
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                                                                                                       े
                                                                   े
                                 यह अ यंत हष  का िवषय है िक क कण रलवे क  राजभाषा पि का 'क कण ग रमा' क  काशन
                                 क   ृंखला म और एक कड़ी   19व  अंक क  प म  जुड़ रही है।
                                                                    े

                     हमारी इस गृह पि का म  अ य साम ी क साथ -साथ तकनीक  लेख  पर भी िवशेष  यान िदया है और यही
                                                      े
                                                                                       ,

              कारण  है िक क कण  ग रमा को हर   तर  पर  अ यिधक सराहना िमली  है।  गृह मं ालय राजभाषा िवभाग  ारा इस
                                                 "

              पि का  को  ा   राजभाषा क ित  पुर कार तथा नवी मुंबई नराकास  ारा भी िनरंतर  थम पुर कार इस पि का क
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                                                                                                              े
              उ च  तर एवं लोकि यता का  माण है।
                     इस अंक म   क कण रल   क  नई प रयोजना रल िव ुतीकरण नैनो िव ान  और   ौ ोिगक   जैसे तकनीक
                                       े
                                                            े
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              लेख  क साथ राजभाषा  चार  सार संबंधी पय टन और  वा  य   संबि धत लेख भी शािमल िकए गए ह ।
                     गृह मं ालय क िडिजटलीकरण क  नीित क अनुसरण म  यह अंक       - ई पि का क  प म   कािशत िकया जा
                                                         े
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              रहा है। आशा है िक आप इसका स दयता से  वीकार करगे।

                     यह  भी  उ लेखनीय  है  िक  पाठक   क  सहयोग  क  िबना  कोई  भी  पि का  सफल  नह   हो  सकती।  आपका
                                                    े
                                                               े

              माग दश न इस पि का क िलए नए आयाम  थािपत कर सकता है आप अपने िन प  िवचार सुझाव हम  िनयिमत  प
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                                                                   ,

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              से िभजवाते रह  और अपना रचना मक सहयोग भी  दान करते रह । इससे हम भिव य म  आपक   िच क अनु प

              अिभनव अंक  कािशत कर सकगे ।
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                     क कण ग रमा क पाठक बढ़ाने क उ े य से इस अंक म  ‘  -मंच’ शािमल िकया गया है । इसम  इस अंक
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              क   रचनाओं से संबि धत      पूछ  गए ह   ।  इसक िवजेताओं को पुर कृत भी  िकया जा सकता है ।  उ मीद है िक
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              आपको यह अंक बहद पसंद आए     गा । आपक   िति या क  हम   ती ा रहेगी।
              म  आशा करता ह ँ िक हम अपने अ य काय  क साथ साथ िजस तरह से िहंदी का  योग बढ़ा रहे ह  उसे पूरी त परता

                                                                                                ,

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              से िनरंतर जारी रख गे ।
                                 ,
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               शुभकामनाओं क साथ

                                                                                        (डॉ. दीपक ि पाठी)
                                                                                      मु य राजभाषा अिधकारी
                                                                                                क कण रलवे कॉप रशन िलिमटड
                                                                                                           े
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