Page 6 - Konkan Garima ank 19
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अंक - 19                                                                                        माच , 2022







                                      महारा   म  िह दी भाषा का  सार

                                                                                                  - सदानंद िचतले


                                                                                       राजभाषा अिधकारी, क कण रेलवे
                         जो है बह त  क  मातृभाषा,               अथा त िह दी भाषी  देश म  ि थत  । काशी,  याग,
                                                                                                ह
                           जो है संपक क  भाषा,                  मथुरा, वृ दावन  ह र ार, ऋिषकश,  कलाश, बदरीनाथ,

                                                                              ,
                                                                                            े
                                                                                                 ै
                         जो है कामकाज क  भाषा,
                                                                अयो या आिद तीथ   े  म  महारा   क  जनता बार-बार
                            वह है िह दी भाषा।
                                                                जाती रही। आिदकाल तथा म यकाल म  आवागमन क
                           िह दी भाषा है  यारी,
                                                                 त सुिवधा और साधन  क  िवपुलता न होने से या ा म
                        सलभता से है सबको  यारी,
                     िजसका िकया संिवधान ने स मान,               सामा यतः महीन  लग जाते थे। िह दी भाषी  देश  म  रहने
                                                                 े
                                                                                       े
                        वह है हम  राजभाषा  माण।                 क कारण दैनंिदन  यवहार क िलए  वभावतः वहाँ क  भाषा

                                                                                         े
                                                                को जान लेना तीथ  याि य  क िलए अिनवाय साधन था।
            14  िसतंबर ,1949  को  संिवधान  सभा  म   िह दी  को   महारा   क अनेक साधु स त उ री भारत क  या ा पर गए।
                                                                         े
                                                े
                     े
            राजभाषा क  प म  अपनाया गया। तब से पूर भारत म  िह दी   नामदेव,  एकनाथ,  रामदास,  गुलाबराव महाराज  आिद
                        े
                                   -
            का राजभाषा क  प म   चार  सार िकया जा रहा है। भारत   स त  क  या ाओं क िव तार सिहत वण न िमलते ह । िह दी
                                                                                 े
            क रा  ीयता  और अखंडता को अ िधत करने       क िलए     भाषी   देश  क  साधु  स त   क  साथ  उनक  जो  िवचार
                                           ा
                                          ब
                                                       े
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                                                                                                      े
                                                                                           े
                                                                             े
            एक भाषा का िवकास एवं िव तार आव यक है और िह दी       िविनमय  होते  थे  उसक  िलए  उनक   भाषा  िह दी  क,
                                                                                                               े
                                                                                     े

            भाषा म  यह शि  िव मान है। हालांिक संपक भाषा क  प    अित र  दूसरी कौन-सी भाषा हो सकती थी। इन स त  क
                                                        े
                                                                                                                े
                     े
            म  िह दी पूर भारत म  कई शताि दय  से कायरत थी। आइए   जो िह दी पद िमलते ह  उनसे  प  होता है िक उ ह ने िह दी

            आज देखते ह  म रा   म  िह दी भाषा का  सार कब से      भाषा भाषी अथवा मराठीतर भाषी समाज को अपने धम
                          हा
                                                                     -

            और िकस   कार से ह आ।                                िस ा त  एवं िवचार  को समझने क िलए सव  सुलभ िह दी
                                                                                             े
                           ,

            ऐितहािसक संदभ समकालीन िववरण एवं अनुसंधान म

                                                                भाषा का  योग करना उिचत माना था।
            उपल ध साम ी से  प  होता है िक िह दीतर भाषी  देश     इसी  कार दि ण भारत म  ि थत रामे र  ी शलेम,

                                                                                                            ै
                                                                                                      ,
            म  िविवध  तर  पर  ाचीन काल से ही िह दी भाषा का      क याक ु मारी ित पित पंढर ,  नािसक तुळजा आिद
                                                                                   ,


                                                                                                  ,
                                                                                          र

                                                                                                           र

                                                                           ,
                                                                                                         पु
                                                                                        पु
             चलन होता आया है। मराठी भाषा महारा   क  अपनी         ाचीन एवं  िस  तीथ     म  से अि तम तीन जो महारा
                                                                                      े
                                                       े
                                     े
            िविश  ि थित है जो भारत क उ र एवं दि ण क बीच         म  ि थत है। दि ण क शष तीथ   थान  म   ायः महारा   से

                                                                                 े
                                                                                    े
            ि थत है। महारा   म  िह दी भाषा का  वश अनेक कारण     होकर ही जाना पड़ता था। वे लोग  जब यहाँ आते थे तो  वयं
                                              े
            से ह आ िजनम  धािमक  यापा रक एवं राजनीितक कारण       कु छ सीख  जाते और यहाँ क लोग  को भी िसखा जात थे।

                               ,

                                                                                        े
                                                                                                              े
             मुख रहे ह ।                                        उ र भारत क स त  एवं भ   क दि ण महारा   म
                                                                                               े
                                                                            े

            धािमक:  भारतीय जीवन म  धम  का अन य  साधारण  थान
                                                                           े
                                                                                        ह


                                                                                 े
                                                                    े
                                                                आनवाल  क उ लख  ा   । इस  कार धािम क या ाएँ
            या िह दुओं क अिधकांश धािम क तीथ  थल उ री भारत म
                       े
                                                                               -
                                                                भी िह दी क  चार  सार का मा यम रही है।
                                                                         े

                                                               4
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