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अंक - 19 माच , 2022
पय टन और वै ीकरण
- सुिचता सिचन बामुगड़ े
भंडार सहायक
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यूँ तो पयटन क ऐसे अनेक कार क अथ जुड़ य िक यह सभी तर पर आिथ क, सां कृ ितक और
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है। हम अपनी रोज क जीवन या ा से कु छ पल ऐसे जीना राजनीितक आदान- दान क अवसर दान करता है।
चाहते ह । िजससे हमारा मन स न हो जाए। इसम सबसे यह रोजगार पैदा करता है, िवदेशी मु ा अिज त करता है
यादा मह व िकसी का हो सकता है तो वे है "पय टन" और लोग के जीवन तर को ऊपर उठाता है। भारत म
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पय टन वा तव म को संतु करता है। पय टन यानी, मन पय टन र न तथा गहने और रडीमेड कपड़ क े क बाद
बहलाने या अ य िकसी कारण से पय टक- थल आिद पर तीसरा सबसे बड़ा िवदेशी मु ा अज न े है। पय टन
घूमने-िफरने तथा मनोरंजन का थान माना गया है। पारंप रक ह तिश प े को बढ़ावा देता है और पयटक
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• पैसा लकर पय टक को सवाएँ दान करने का काम या को भारत क समृ और िविवध सां कृ ितक िवरासत क
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पय टक क िलए घूमने खाने रहने आिद क यव था। बार म जानकारी दान करता है।
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• िकसी िस या मनोरम थान क या ा ; देशदश न भारत म कम पय टक आने क क ु छ अ य कारण पयटक
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और मनोरंजन क िलए िकया जाने वाला मण सैर- ारा आव यक सुिवधाओं क कमी जैसे यातायात भीड़
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सपाटा देशाटन टुअ रज़म)। अिनयोिजत शहरीकरण और नाग रक अिधका रय तथा
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भारत पयटन े म अपनी िविवधतापूण व प को लेकर नाग रक क उदासीनता है। पय टक क िच के थान पर
िव यात है। तभी तो इसे 'अतुलनीय भारत' का नाम िदया दषण के कारण भारत म पय ट म िगरावट आई है। क
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गया है। ऊपर से िपछले साल से जो कोिवड- का भाव इतना
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भारत दुिनया का एकमा देश है जहां िविभ न धम क भारी नुकसान धारक होने के साथ जान लेवा है। इसक
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अनुयायी ह और उनक मह व क थान पाए जाते ह । भारत वजह से के वल भारत ही नह बि क िव के हर देश म जहां
एक आकष क देश है और इसम िविभ न पय टक आकष ण पय टन क मा यादा थी, वह अब िगरावट आयी है।
ह । इसम िविभ न कार क धम , सं कृ ित, भाषा, इितहास, पय टन क मह व को समझते ह ए, क और रा य सरकार ने
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पवतीय िविवधता और इसक समृ वन पितयां और अपनी ाथिमकताओं म पय टन को उ च थान िदया है।
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जीव ह । इसम कु छ सबसे ऊचे पहाड़, खूबसूरत निदयां, भारत को पयटन क अनुकू ल बनाने और पय टन उ ोग को
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िवशाल जंगल, एक लंबी तटरखा, ीप और सां कृितक िवकिसत करने म स म बनाने क िलए, आव यक
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िवरासत ह । बुिनयादी ढांचे क िवकास क िलए एक तालमेल काय म
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इसक समृ इितहास क िनशान हर जगह देखे जाते ह और शु िकया गया है। पय टक को ो सािहत करने के िलए,
ये िद ली, आगरा, जयपुर, वािलयर, हैदराबाद, चे नई, एक काय योजना शु क गई है।सरकार ने िवशेष पय टन
गोवा, कोलकाता और मुंबई आिद थान पर अिधक े (एसटीएएस) क अवधारणा को भी अपनाया है,
िदखाई देते ह । िजसम उ च पयटन मता वाले क ु छ पयटन े क
पय टन आज दुिनया का दूसरा सबसे बड़ा उ ोग है । यह पहचान क जाती है और बुिनयादी सुिवधाएँ दान क
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21व सदी म मुख वि क उ ोग बनने क उ मीद है जाती है।
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