Page 39 - Konkan Garima ank 19
P. 39
अंक - 19 माच , 2022
मीनार, ह ँमायूं का मकबरा, हैदराबाद का चार मीनार, िचिक सा सुिवधा अपया तथा महँगी है। अ क देश ,
उिड़सा का सूयमंिदर, महाबलीपुरम क मंिदर, मुंबई का यथा- सोमािलया, सूडान, नाइजी रया, अ जी रया आिद
े
े
े
गेटवे ऑफ इंिडया, कोलकाता का िव टो रया मैमो रयल, क िलये तथा पि मी एिशया तथा पूव एिशया देश क िलये
हावड़ा ि ज आिद आज भी ऐितहािसक पय टन को समृ भारत एक सुलभ िचिक सा थल है। यूरोपीय एवं उ री
बना रहे ह । वा तव म पय टन एकांक नह है। यातायात, अमे रक देश म िचिक सा यव था उ म तो है, परंतु
होटल उ ोग, िचिक सा उ ोग, थानीय पाक कला, भारत क अपे ाकृत वहाँ िचिक सा सुिवधाएँ महँगी ह ।
े
े
े
े
े
भाषा, पहनावा सं कृित इसक उपांग ह । ये सभी पय टन क इसी कारण अ क देश क िलय भारत िचिक सा पयटन
दौरान लाभाि वत ह गे । का सव म थान िस ह आ है। इसक साथ ही आयुवद
े
ै
े
वतमान वि क प र य म भूमंडलीकरण क बढ़ते भाव ने तथा हो योपैथी जैसे िचिक सा योग ने भी पय टन को
े
पय टन को एक िव तृत, भावी एवं सफल उ ोग क प म समृ बनाया है।
तुत िकया है। आज व ीकरण क समय म जब दिनया पयावरण संबंधी पय टन शु आत से ही मनपसंद पयटन म
े
ै
ु
े
बह त छोटी हो गई है, पय टन उ ोग बह मुखी आयाम क से एक रहा है। पयावरण पयटन कृित से संब है। म ोव,
साथ फु िटत ह आ है। सरल श द म , पयटन का अथ एक म थल, झील, निदया, समु तट, वन अभयार य,
ँ
थान से दूसर थान पर जाकर घूमने-िफरन से िलया जाता रा ीय पाक, फू ल क घाटी, पि मी घाट, िहमालय दश न
े
े
े
है। इसिलए इसक अ य िविभ न व प भी आज हमार आिद पया वरण से संबंिधत ह । इस कार क पयटन से जहाँ
े
े
सामने िचिक सा पय टन, पयावरण, पयटन तीथ थल एक ओर पयटक को आि मक लाभाज न होता है। वह ,
पय टन, यावसाियक पय टन, ऐितहािसक पयटन आिद क दूसरी ओर थानीय यव थापक को आिथ क लाभ भी
े
प म ि गत ह ए ह । िमलता है।
वतमान म पय टन ने एक उ ोग का प ले िलया है। पयटन तीथ थल पय टन को भी इसी म म समझना आव यक है।
े
वा तव म वयं सा य है। उ ोग का अथ, िकसी कार क िविभ न धमा वलंिबय क िव मानता भारत को इस कार
े
े
लाभ क ाि क िलये िकया गया प र म से िलया जाता है। क पय टन म समृ बनाती है। जहाँ एक तरफ िहंदू धम म
ै
यह लाभ आिथ क, वि क, आि मक, आ याि मक हो शंकराचाय ारा थािपत चार धाम परंपरा, ादश
सकता है। जब पय टन को एक उ ोग क प म देखा जाता है योितिल ग या ा, क ुं भ या ा, गंगा नान आिद ह , वह
े
े
े
तो इसक िविभ न आयाम क चचा करना आव यक दूसरी तरफ बौ धम क अनुयाियय क िलये बौ प रपथ
े
े
तीत होता है। इसी म म िचिक सा पयटन क चचा करने िवकिसत ह आ है। इ लाम धमा वलंिबय क िलए अजमर
े
से ऐसे थान का बोध होता है, जहाँ िचिक सा सुिवधा शरीफ, देवा शरीफ, हाज़ी अली, जामा मि ज़द, मोती
े
े
पया प म िव मान हो। मि ज़द, िविभ न मकबर तथा दरगाह िवशष प से
े
भारत देश िचिक सा क े म िनरंतर नए िचिक सा दश नीय ह । िसख धमा वलंिबय के िलये अमृतसर, पटना
े
यव था तथा योग क कारण िव पटल पर अपना थान सािहब, िद ली, ज मू, महारा आिद थल िवशेष प से
े
बना चुका है। वा तव म िवकासशील देश क िलये भारत मह वपूण ह । तीथ थल पयट न िश ा के भी थान होते ह ।
एक िचिक सा पयटन हेतु उपयु थान बना ह आ है, जहाँ बनारस के क ु छ मंिदर एवं मठ म आ म आधा रत िश ा
37