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अंक - 19 माच , 2022
िप दोष है। कफ भी नाम, थान और कम भेद से पांच तरह का होता
िप एक कार का पतला य है। यह गम होता है। है। इसे िन न पांच नाम से जाना जाता है-
सतोगुणी, द त लाने वाला, चरपरा, ह का, िचकना और 1. लेदनकफ 2. अवल बनकफ 3. रसनकफ
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ती ण होता है; िक तु पाक क समय इसका वाद ख ा हो 4. नेहनकफ 5. म णकफ
लेदनकफ अ न को गीला करता है, इसी कारण से
जाता है। नाम, थान और कम भेद से िप पांच कार का
एकि त ह आ अ न अलग-अलग हो जाता है। अवल बन
होता है
1. पाचकिप 2 . रंजकिप 3 . साधकिप कफ रसयु वीय से दय भाग का अवल बन और म तक
4. आलोचकिप 5. ाजकिप दोन भुजाओं क हड्डी का संधारण करता है। रसन कफ
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पाचकिप आमाशय और प वाशय म रंजकिप यकृत रस हण करता है। रसनकफ रस को हण करता है।
लीहा म साधकिप दय म आलोचकिप दोन आंख नेहनकफ िचकनाई से सम त इंि य को तृ करता और
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म और ाजकिप सम त शरीर और वचा रहता है। श म णकफ संिधय को जोड़ता है।
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1. पाचकिप - यह आमाशय और प वाशय रहकर भ य,
भो य, च य , ले , चो य और पेय; छह कार आहार को ऋतु - ान
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। पचाता है, शषाि न बल को बढ़ाता है तथा रस, मल, भारतवष षट् ऋतु संप न देश है। संव सरा मक काल-
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मू और दोष अलग अलग करता है। यह िप मु य िवभाग म माघ से आरंभ करक बारह माह होते ह और दो-
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है। इसी से शेष चार िप सहायता िमलती है। यह िप दो माह म एक एक ऋतु होती ह । इस भांित एक वष म बारह
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(अि न) बड़े शरीर वाल म जौ क समान छोट शरीर वाल म माह और छह ऋतुएं होती ह ।
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धमशा ानुसार ऋतु िवभाग
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ितल क समान क ट-पतंग आिद जीव म बाल क समान
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माघ और फा गुन—िशिशरऋतु ावण और भा पद ==
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होता है।
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2. रंजक िप -यह यकृ त और लीहा म रहकर र को वषा ऋतु चै और वशाख – वसंतऋतु
बनाता है। आि नऔर काितक == शरद्ऋतु
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य और आषाढ़ ी मऋतु, अगहन और
3. साधक िप -यह दय म रहकर मेधा और धारणशि
पौष == हेम तऋतु
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को ती करता है।
4. आलोचक िप - यह दोन आंख म है, इसी ाणी उपयु ऋतु-िवभाग धम शा ानुसार है। इस कार बांधी
सबक ु छ देख पाता है। ह ई ऋतुएं धम काय और देवकायािद म मानी जाती ह । वात
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5. ाजक िप -शरीर म ांित उ प न करता है और आिद दोष क संचय, कोप और शांित क िलए
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मािलश िकए ह ए तेल तथा लेपन आिद को पचाता है। आयुव दाचाय महिष सु ुत ने ऋतु-िवभाग दूसर कार से
कफिप िकया है।
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कफिप भारी, सफद, िचकना, शीतल, तमोगुणयु और व कशा ानुसार ऋतु िवभाग
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मधुर होता लेिकन जल जान से यह खारा हो जाता फा गुन और चै – वसंतऋतु भा पद और आि न ==
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