Page 29 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17 माच , 2021
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सालाना कोस करक े रोजी-रोटी कमाने लायक बन सकते ह । िश ा और रोजगार महै या कराती है।
3. रोजगार क े अनकल - वोक े शनल िश ा उपय ु 2) पॉिलटेि नक
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ेिनंग दक े र रोजगार क े नये अवसर दान करता है। यह आज पॉिलटेि नक भारत क े लगभग सभी रा य म चलने वाला
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क ज रत भी है और मह वपण भी। बड़ी-बड़ी क पिनय को औ ोिगक िश ण स ं थान है। यह इंजीिनय रग ं और क ं यटर ू
भी कािबल और ह नरमंद लोग क तलाश रहती है। िजनक े िव ान क े िभ न-िभ न िवषय म तीन वष य िड लोमा
पास उपय यवसाियक िश ा होती है, उनक े पास नौकरी पाठय म सच ं ािलत करता है। पॉिलटे नीक क िश ा गांव-
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क कभी कमी नह रहती है। इनक हर जगह िडमांड बनी रहती गांव, शहर-शहर म चिलत है, जो जन-जन तक पह च ं कर
है। छा क राह आसान कर रही है।
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4. उ नत क रयर- यवसाियक िश ा जॉब पाने म हर 3) औ ोिगक िश ण स थान
रा ता आसान करती है। वो लोग जो पहले से कह काय रत है औ ोिगक िश ण स ं थान िविभ न इंजीिनय रग ं और गैर
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और खद को और िनखार कर अपना जॉब ोफाइल उ नत इंजीिनय रग ं िवषय म यावसाियक िश ण चलाते ह ।
करना चाहते ह , ऐसे लोग को वोक े शनल िश ा बह त बिढ़या आईटीआई का बध ं न भारत सरकार क े कौशल िवकास एव ं
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लेटफॉम है। इनक अविध अपे ाकत कम होती है। इ छक ु उ िमता ारा िनदि शत एव ंकाया ि वत होता है।
छा बेहद कम समय म ड होकर अपनी क स बढ़ा सकते 4) एनआरएलएम (रा ीय ामीण आजीिवका िमशन)
है, और रोजगार क े बेहतर अवसर पा सकते है। वोक े शनल जन, 2011 म लाग िकया गया, एनआरएलएम को खास तौर
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अथा त यवसाियक िश ा िकसी भी दश े क इकॉनमी का एसेट पर (गरीबी रख े ा से नीचे) समह क े िलए चलाया गया है। इसका
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होता है। दश े क आिथ क गित वहां क े वोक े शनल एजक े शन उ े य िविभ न ेड म गरीबी रख े ा से नीचे जीवन यापन करने
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पर िनभ र करता है। यवसाियक िश ा दश े क गित का वाले लोग , खासकर मिहलाओ ं को िभ न-िभ न उ म एव ं
मे द ड होता है, िजस पर सप ं ण दश े िटका रहता है। यावसाियक िश ण दान करना है, तािक वे खद को
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5. समय क माग- आज हर े म िनत नये शोध और ि याशील एव ं रोजगारपरक बनाकर, अपनी और अपने
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अनसध ं ान हो रहे है। इसको दख े ते ह ए अपडेट रहना बह त प रवार क आजीिवका कमा सक े ।
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ज री है। समय क े साथ आव यकताए ं भी बदलती रहती है। 5) िश पकार िश ण योजना
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पहले लोग परप ं रागत खेती-बाड़ी ही करक े खश रहते थे, यह योजना िविभ न इंजीिनय रग ं िवषय क े साथ-साथ
िजतना उगता था, पया होता था, जनस ं या कम थी और पैरामेिडकल, किष और वािण य आिद क े े म यावसाियक
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लोग क ज रते भी । लेिकन अब ऐसा नह है, दश े क िश ण दन े े क े िलए श क गयी है। इसे यावसाियक िश ा
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आिथ क उ नित क े साथ-साथ लोग का जीवन तर भी और िश ण िनदश े ालय ारा िनयि ं त िकया जाता है।
सम द ह आ। जीवन तर बढ़ा तो लोग क आव यकताए ं भी यवसाय पाने अथा त नौकरी, रोजगार, आजीिवका पाने क े
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बढ़ी। अब क े वल एक आदमी क े कमाने से काम नह चलने िलए भी िश ा अिनवाय है और यवसाय करने, उसका सफल
वाला। अब किष भी काफ उ नत हो चक है। किष को बढ़ाने क े सच ं ालन क े िलए भी िश ा आव यक है। समय प रवत नशील
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िलए कई सार ेतकनीक आ गये ह । है, यग बदलता है, यग क े साथ-साथ प रि थितयां बदलती ह ।
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भारत सरकार ारा सचािलत योजनाए: ं चतर मन य वही है जो समय क आव यकता को पहचान कर
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भारत सरकार आिथ क प से िपछड़े िनध न वग को काय कर। े आज यवसाय क े तौर-तरीक े बदल गए ह , अब वह
यावसाियक िश ण दन े े क े िलए कई योजनाए ं चला रही है। दश े क सीमाओ ंको पार कर अ तरा ीय बन गया है। अतः
इन योजनाओ ंम से कछ मह वपण योजनाए ंिन नानसार ह - िश ा का अथ और योजन भी बन गया है । आज िश ा
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1) उड़ान (UDAAN) यवसायो मख हो गयी है।
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यह काय म िवशेषतः ज म और क मीर रा य क े िलए श ु हमारा भारत आग ेबढ़ रहा है।
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िकया गया है। यह पाच साल का काय म है और यह सचना िश ा क े मा यम स े ययसाय और यापर म गित
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ौ ोिगक , बीपीओ और खदरा े म यावसाियक िश ण कर रहा ह।
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