Page 32 - Konkan Garima 17th Ebook
P. 32
अक - 17 माच , 2021
ं
ये एक िवचण य है। हमारा मानना है िक आधिनक स यता रहता है। इसम वे अपने होशो-आवास खो कर सामािजक
ु
ने मन य को घोर वाथ और आ म क ि त बना िदया है । आज आदश मानक को नशे क आदत म पैर तले कचल क े रख
ु
ु
क े समाज म रहते ह ए भी यि अक े लेपन से त है, वो दत े े ह । इस क े प रणाम से समाज क े आधार भत त व िछ न-
ू
ु
अपनापन नह अनभव कर पाता है। ऐसी प रि थितय से िभ न होने लगते ह और ये हम बद ं आख ं ो से दख े ते रहते ह हा,
उ प न मानिसक तनाव तथा दबाव यवा को मादक य क े बद ं आख ं े , य िक अगर हमारी आख ं े अबतक खोली नह है
ु
सेवन क े लत को और भी योगदान द े रही है। भौितक वरना िदखावे क े िलए हम शान-शौकत अपना रहे ह और कभी
उपलि धय क े ाि तथा िवलािसता क भागदौड़ म आज का नह हम इससे हट कर सोचते ह िक इस वजह से हमार ेदश े क े
ू
ू
ु
यि मल जीवन क े उ े य से ही िवमख हो गया है । भिव य जो, यवा वग है वो परी तरह से अद ं र से टट रहा है ।
ु
ू
नैितक म य क अभाव म सामािजक िनय ं णा मक आज हम दख े रहे िक िफ म , दरदश न एव ंरि े डयो ने आज
ू
ू
शि का कोई अथ नह है। अत: समाज म छक - छक कर क े जीवन को िजसम मोिहत िकया है, तथा िवलािसता पण ू
मादक य क े सेवन करने क आवि क उ पि जीवन यतीत करने क े िलए े रत िकया है, शायद मीिडया का
ृ
वाभािवक है । कोई अ य कार ऐसा नह कर सका । आज िफ म म िदखाये
िजस तरह उ च वग म नशाखोरी दख े ी जा रही है , इससे गए मादक य क े सेवन से सब ं ि धत घटनाओ ंका हण और
ये अनमान लगा सकते ह िक यवा वग म भी इसका अनकरण आजमाइशे उ च तर वग म अपनाई जाती है। िजसका बरा ु
ु
ु
ु
ु
बढ़ता गया है । उससे प रवार क े सद य कई कारण से भाव ब च , यवाओ पर पड़ता है।
असत ं ोष िफल करते ह । यवा वग इस असत ं ोष से परश े ान होकर िफ म म दशा ए ं गए िच , कलाकार क म पान करने
ु
क े बाहरी िदखा पन म िजद ं गी को बेहतर समझ रहे ह । क अदाकारी , हावभाव सामा य यि खास करक े यवा वग
ु
प रवा रक असत ं ोष धीर- े धीर े कलह का प धारण करता है। को आकिष त करती है। लेिकन उ च म वग म इसका
फलत: प रवार क े सद य गण अपने प रवार क े सीिमत साधन अवलोकन सबसे यादा हो रहा है ये हम वत मान ि थित म
को अपनी-अपनी ओर िखचने लगते ह । इस वजह से प रवारो दख े रहे है उ च आिथ क ि थित वग म आये िदन िकसी न
म कलह िनमा ण होता है। इसका और बरा असर इन यवा लोग िकसी वजह से पािट या होती है। इन पािट य म ये लोग अनेक
ु
ु
पर पड़ता है। ऐसे म अपना व दो त म िबताते ह । िफर दर े अद ं ाज़ से म पान और मादक य का सेवन खलेआम करते
ु
रात तक पािट यां और नशाखोरी म धत होते रहते ह । िजससे दख े ा जाता है और आ य इस बात का है िक इसको एक ित ा
ु
उनम एक दसर ेक े ित नेह एव ं ेमभाव क कमी आने लगती क े प म दख े ा जाता है । सभी क े हाथ म म पान क े भर े ह ए
ू
है । अत ं : उनम कलह होने लगते ह जो, प रवा रक िवघटन क िगलास दख े ी जाती है। िजसक े हाथ म ये नह दख े ते उसे पछा ू
सम या उ प न कर दत े ी है। इस कार मादक य यसन जाता है, " अर ेआपका िगलास खाली य है? लोग इसे अपनी
प रवारो म तनाव पैदा कर दत े ी है। यह तनाव यवाओ ं का शान समझते ह । हस ं ी क बात ये है िक जो लोग म पान नह
ु
प रवा रक सब ं ध ं म बध ं े रहना मि कल कर दत े ा है। प रवार क े करते उसको कम िति त क े दजा म आका जाता है ।
ु
मधर सब ं ध ं ो को तोड़कर उनक एकता न कर दत े ा है। इसक े वा तव म िफ म जगत एव ं दरदश न ने िजस कार
ू
ु
द प रणाम यवाओ क े आने-वाले भिव य को चकना चर करक े खलेआम सरापान, मिदरापन एव ं ध पान का सेवन िकया है,
ू
ु
ु
ू
ु
ु
ू
रख रहे ह । आज हम यही वा तव म दख े रहे ह । उससे सामािजक म य तथा सामािजक िनय ं ण क शि य
ू
मादक य का यसन इतना खतरनाक है िक का इतना अिधक हनन ह आ है िक बात ही मत पिछये इस
सामािजक और नैितक सौरचना क े सभी सघ ं टना मक प मादक य क े सेवन से और नशाखोरी से दश े क े यवाओ ंका
ु
असत ं िलत हो जाते ह । मादक य क े सेवी को न तो िकसी भिव य खतर े म है। इससे वैयि क , सामािजक िवघटन तो
ु
कार क सामािजक चेतना होती है और न सामािजक होते ही ह । साथ-साथ सामदाियक रा ीय एव ं अत ं रा ीय
ु
मानदड ं का सामािजक आदश मानक एव ं म य का िवघटन क े माग भी श त हो जाते ह । मादक य क े सेवन
ू
ु
अिभ ान होता है। उ ह क े वल मादक य क े सेवन का बोध यवा वग म शारी रक गित जो होती है वह दबली होती जाती है।
ु
30