Page 36 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17 माच , 2021
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लेटफाम क रवायत करते ह जो न क े वल कॉ पॅिटिबिलटी क पढ़ाई क े बाद िव ािथ य ारा ा ' यिभ ा' क जांच-
अडचन बि क क यजन का कारण है। हर िवधा क अपनी पड़ताल क े िलए व तिन तथा स यक परी ािवधी को भी
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खािसयत समेत खािमयां भी होती है, जो न क े वल शै िणक या जोड़ना चािहए।
सामािजक-आिथ क अिपत सां कितक अपराध क तरफ जा
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· कछ एक अत ं राल क े बाद िनयतकािलक तरीक े से
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रही है।
िव ािथ य क े समह को िवभािजत कर सर ं ि तता सिनि त
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10) ऑनलाइन पढ़ाई इक नई अवधारणा है, िजसक
िकए, वा य क े प रवेश म अ येता एव ं अ यापक म य
जिटलता, असहजता, असगमता सभ ं ा य िव ािथ य को ही नह
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आत ं ि या क े स भी रख गे तो अ छा होगा।
तो ान क े चार- सार तथा जैिवक सध ं ारण सभ ं ावनाओ ंको ही
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पर ेठेलती है। · कभी कभार पालकवग अपने पा य को गिहत धर घरल े ू
11) ऑनलाइन पढ़ाई मे कोई ब चमाक , िकसी मील क े प थर या काय म य त करते ह , उसे टालने क े िलए िनि त समय-
पडाव का ना होना, गणव ा क े िवकास, आकलन क स यकता सारणी तथा वा तिवक िनगरानी यव था का ावधान कर।
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को चनौती दत े ा ह । · िव ािथ य म रसव ा एव ं उ ेजना क कमी को दर करने
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12) क ं यटर सा रता, वै ािनक ि कोण तथा 21व सदी क े क े िलए आशय क पनर चना- कथांतरण, िडिजटल
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सामने रखी तं कशलता अभी भी बड़े वा तिवक अभाव है। गेिमिफक े शन, िवशेष तांि क इफ े टस आिद पर यान द। े
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13) श य िचिक सा, औ ोिगक िडजाइन, दत ं िव ान,
· िश क -अिभभावक क े बीच भी अपे ाओ ं क े बार े म
अनर ण क बारीिकयां इतना ही नह ,खेलकद जैसी कई िवधाए ं
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समाधान, सश ं ोधन क े िलए आत ं रि या सिनि त कर। उसी तज
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य ानभव क मांग करती है। उ ह ऑन लाइन पढ़ाना
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पर दो िभ न भौगोिलक समह िविश िव ािथ य म भी ' वािलटी
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यि सग ं त नह है।
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सक ल' चचा थ बनाए जाए, जो पधा , वाद-िववाद, वेिबनार,
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14) सघ ं भावना, काय स ं कित, िव तत िवमश से उ पादकता
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ही नह , यि िनहाय ाितिभक सजगता म वि को भी सिमटस, सय ं सघ ं चचा फोरम क े ारा अपने ईि सत को,
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ऑनलाइन िश ा क े मसखरप े नसे ठेस लगती है। हािसल को, अड़चन क े बार ेम खला बखान कर सक ।
समाधान - · ान वही है जो समकालीन जीवन से नाता ना छोड़ ।
· कई नीचले तबक क े , झ गी झोपिड़य क े , िन न म यम इसिलए िव ािथ य को िशि त करवा कर उनक े वा तव
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वग य िव ािथ य क े घर म कोई सरि त कोना, उनक अपनी आकलन क जांच कर। े हेतद क पो क े वीिडयो अपलोड
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िनजी जगह (माइंड पेस) नह उपल ध होती है। ऐसे िश ािथ य करवाए। ं कोई दन ै ंिदन सम याओ ंक े अिभनव उ र भी मंगवाए
को सरकार समाज क े अ णी एव ं सेवाभावी कोई अभयार य,
जा सकते ह ।
अ यास े , लाउंज उपल ध कराए, ं जहां िबना ह त ेप और
· असामािजक त व क दखलअद ं ाजी, स धमारी से ऐप परी ू
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दिवधा क े िव ाज न सलभ हो।
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तरह से सरि त बनाए। ं
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ऐसी समांतर पाठशालाओ ं / उपशालाओ ं म सचना
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· हच अल (अभासी) वग क सद य स ं या 20 से अिधक
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ौ ोिगक का गत ढ़ांचा भी नैगिमक सामािजक दािय व
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(CSR) क े तहत उ ोग -उप म से खड़ा करना नवभारत ना रख । उसे स ती कमाई का कारण है कारागार न खा न माने।
िनमा ण क े िलए बेहतर होगा। यह अभी तक एक अपारप ं रक तरीका रहा था, िजसे माणब -
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· पाठय म िवक पसलभ – मा य (modular), सपा य सिविहत और आदश नो मख कार से अपनाने पर सामािजक
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तथा रज ं कता से भरपर हो। ान क साम ी िजतनी आकष क - वा य एव ंएहितयात, आपदा बध ं न क े िस ांत च रताथ कर
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रसपण दान क जाएगी, उतना ल यभेद सलभ होगा। सकते ह । किव ी द यत ं कमार जी क े श द मे कह ंतो
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ऑनलाइन पढ़ाई क ओर उ त करने हेत 'पवा नकलन'
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“ क ै से आकाश म सराख नह हो सकता,
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'इंड शन-ओ रयट ं ेशन' कोस सभी बनाए जाए िजससे पालक -
एक प थर तो तिबयत से उछाल यार । ”
अिभभावक एव ं वय ं िव ािथ य क मलभत शक ं ाओ ं का
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िनरसन उपल ध हो।
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