Page 41 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17 माच , 2021
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कर िदया गया ह िजसका नाम ी जयचमाराजे आट गैलरी है। यहा रल े वे से सब ं ि ं धत फोटो और िकताब भी मौजद ह ।
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है। इस स ं हालय म कई िस भारतीय िच कार क े प िटंग धािम क थल
रखे ह ए ह िजनमे राजा रिव वमा , सी िच कार वेतो लाव चामंडी िह स मैसर क े पैलेस िसटी क े करीब है। इसक औसत
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रो रच एव ंमैसर िच कला शैली क े कई िच शािमल ह । ऊ ं चाई 1,000 मीटर है एव ं यहा से शहर का िवहग ं म य दख े ा
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गाड न जा सकता है।
व दावन गाड न, ीरग ं प ना, मंडया िजला का एक िस शो · स ट िफलोमेना चच -स ट िफलोमेना चच मैसर शहर म स ट
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उ ान ह , जो अपने सग ं ीतमय फ वार क े चलते काफ िस िफलोमेना क े स मान म बनाया गया एक चच है। यह 1956 म
ह । िनिम त यह चच िनओ गॉिथक शैली म बनाया गया था।
स हालय यहां अनेक खबसरत सागर तट ह , िजनम म डे र, गोकण एव ं
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· मैसर रत े मित कला स ं हालय यहा 115 क क रत े कारवार सागरतट मख ह । इनक े साथ-साथ कना टक धािम क
(बाल) का इ तेमाल कर 150 से अिधक िवशाल मित य का मह व क े अनेक थल का क े भी रहा है। यहां क े िस िह द ू
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िनमा ण िकया गया ह । िजनम मैसर क े िवरासत क े 16 से अिधक मंिदर म उडिप क ण मंिदर, िसरसी का म रक ं बा मंिदर,
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िवषय को िदखाया गया है। धम थल का ी मंजनाथ मंिदर, क क े म ी स यम मंिदर
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· ाकितक इितहास का े ीय स ं हालय यह स ं हालय तथा शग ं ेरी ि थत शारदा बा मंिदर ह जो दश े भर से ढेर
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मैसर म करण जी झील क े तट पर ि थत है और जैिवक ालओ ंको आकिष त करते ह । िलंगायत मत क े अिधकांश
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िविवधता, पा रि थितक और दि णी भारत क े भिव ान से पिव थल जैसे कदालसग ं म एव ं बसव ना बागेवाड़ी रा य क े
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सब ं ि ं धत है। उ री भाग म ि थत ह । वणबेलगोला,मदिब ी एव ं कक ला
· लोक स ं हालय यह स ं हालय मैसर प रसर जैन धम क े ऐितहािसक मारक ह । इस धम क जड़े रा य म
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िव िव ालय म ि थत है और पर े कना टक रा य क े 6500 से आरि ं भक म यकाल से ही मजबत बनी ह ई ह और इनका
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अिधक लोक कला और िश प पेश करता है। सवा िधक मह वपण क े है वणबेलगोला यिद आपने अभी
· रल े स ं हालय यह स ं हालय मैसर रल े वे टेशन क े तक इन थान पर नह गए हो तो अव य जाए। ं
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नजदीक ि थत है और भारत म इस तरह का दसरा स ं हालय
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िजदगी त चलती चली जा
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- सधा एस. दब, े ु
क कण रल े िवहार, ने ल
मगर साथ न िदया िकसी ने िकसी का
त चलती चली जा, त मेरी हमसफर है।
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कहने को तो सब लोग अपने ह
अपने भी बेगाने होते ह
िजद ं गी कहने को तो त हम सफर है
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मि कल म जो काम आए, वह अपने होते ह
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मि कल म लड़ने क े िलए िनड़र है
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त चलती चली जा, त मेरी हमसफर है।
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तलाशता ह ं म तझे कहां-कहां नह
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िजद ं गी त चलती चली जा
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न जाने िफर भी या कह , ं त मेरी हमसफर है।
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मत कह कना थकहार कर
कहने को तो िजद ं गी सबक अपनी है
िमि कल बह त ह िजद ं गी म
मि कल भी सबक अलग-अलग ह
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त चलती चली जा, त मेरी हमसफर है ।
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