Page 43 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17                                                                                          माच , 2021
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                                                योग कर,  व थ रह

                                                                                                  - सतीश एकनाथ धरी,  ु
                                                                                                 िहद ं ी अनवादक, मडगांव
                                                                                                        ु
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               भारतीय स  ं कित म   यायाम का एक िवशेष मह व है। परातन  •  अ ांग योग म  विण त 5  कार क े  यम ( अिहस ं ा, स य,
               काल म  इसक े  मह व को  यान म  रखते ह ए ऋिष, मिनय  ने     अ तेय,   चय , अप र ह ) का पालन करना चािहए।
                                                          ु
               इसको दन ै ंिदन जीवन का एक िह सा बनाया था और िनरामय  •  5  कार क े  िनयम  ( शौच, सत ं ोष, तप,  वा याय, ई र
               जीवन जीने का तरीका बताया था।  यायाम का मह व इस            िणधान ) का पालन करना चािहए।
                                                                                                      ू
                                                                                        ्
                ोक म  बताया गया है:                                 •   ातः शौच क े  प ात  नानोपरा त सय  नम कार करना
                                                      ं
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                     यायामात लभते  वा  य दीघा य य बल सख।  ं ु           चािहए।
                                                                          ू
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                    आरो य परम भा य  वा  य सवा थ साधनम ॥  ्          •  सय  नम कार क े  समय ढीले कपड़े पहनने चािहए।
                                            ं
                                    ं
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               अथा त  यायाम से  वा  य, ल बी आय, बल और सख क   •  चाय,  क ॅ ाफ ,  त बाक,  शराबािद,  मादक    य  एव  ं
                                                                                          ू
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                ाि  होती है। िनरोगी होना परम भा य है और  वा  य से       मांसाहार  तथा  तामिसक  आहार  सेवन  नह   करना
               अ य सभी काय  िस  होते ह  ।                               चािहए।
               अ  ं ेजी म  भी कहावत है; Health is Wealth,  वा  य ही  •  सय  नम कार खाली पेट करना चािहए।
                                                                          ू
                                                                          ु
                                                                                        ु
               धन सप ं ि  है या यिद  वा  य है तो आपक े  पास धन,सप ं ि    •  खले   थान  पर  श   साि वक,   िनम ल   थान  पर,
                                                                                              ु
                                                                                                           ू
                                                                                                       ु
                                                                           ृ
               है। यह धन,सप ं ि   यायाम करने से  ा  होती है।  यायाम कई    ाकितक वातावरण म  (श  जलवाय) सय  नम कार
                कार क े   कार होते ह , उनम  से एक मह वपण   यायाम  कार   करना चािहए।
                                                  ू
               है, 'सय -नम कार'। 'सय -नम कार' का मह व इस  ोक म      •   वर, ती  रोग या ऑपरश े न क े  बाद 4-5 िदन तक सय   ू
                                  ू
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               बताया गया है:                                            नम कार नह  करना चािहए।
                                                                                            ू
                                                                                                        ँु
                                                                          ू
                   "आिद य य नम कारान ये कव ि त िदन  े िदन  े ।      •  सय  नम कार सदव ै  सय  क  ओर मह करक े  करना
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                      आयः   ाबलवीय  तेज तेषा च जायते।।                  चािहए।
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                       अकालम यहरण सव  यािधिवनाशनम। ्                •  जहां तक सभ ं व हो सय  नम कार  ातःकाल 6-7 बजे क े
                                     ं
                                 ं
                       सय पादोदक तीथ  जठर  े धारया यहम।।” ्             बीच करना चािहए।
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               अथा त जो  ितिदन सय  नम कार करते ह  उनक  आय, बि ,  •  सय  नम कार िव त का कचालक चटाई, क बल या दरी
                                                                          ू
                                                                                       ु
                                                                                             ु
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               बल, वीय  एव  ं तेज (ओज) बढ़ता है। अकाल म य नह  होती है    पर करना चािहए।
                                                    ृ ु
                                                                                                  ू
                                                                          ू
               तथा सभी  कार क   यािधय  का नाश होता है। इतने सभी     •  सय  नम कार  ितिदन िनयमपव क मं ो चारण सिहत
               लाभ इस सय -नम कार से िमलते ह ।                           करना चािहए।
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                                                                          ू
               सय -नम कार एक स पण   यायाम है, इसे सवा ग  यायाम भी   •  सय  नम कार क े  समय मन चच ं ल नह  हो, उसे एका
                 ू
                                  ू
               कहा  जाता  है।  सम त  यौिगक  ि याओ ं क   भाित  सय - ू    करना चािहए।
                                                         ँ
               नम कार क े  िलए भी  ातः काल सय दय का समय सव  म       •  अिधक उ च र चाप,  दयरोगी तथा  वर क  अव था
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                                                                           ू
               माना गया है। सय -नम कार का सदव ै  खली हवादार जगह पर      म  सय  नम कार नह  करना चािहए।
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                                                                                             ू
               क बल का आसन िबछा कर खाली पेट अ यास करना चािहए।
                                                                    •  भोजन साि वक, ह का-सपा य करना चािहए।
                                                                                             ु
               इससे मन शा त और  स न होता है और योग का स पण   ू
                                                                    •  अ यवि थत िदनचया , िम या आहार-िवहार का सेवन
                भाव िमलता है। सय -नम कार क े  समय शरीर पर सय  क
                                ू
                                                           ू
                                                                        नह  करना चािहए।
               िकरण   पड़ने  से  'डी  िवटािमन'  िमलता  है  और  शरीर  क
                                                                    •  सय  नम कार खाली पेट  ातः एव  ंसाय  ंकरना चािहए।
                                                                          ू
                  ्
               हडिडयां और मांसपेिशयां मजबत हो जाती है।
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                                                                    •  सय  नम कार म   ास हमेशा नािसका से ही लेना चािहए।
                                                                          ू
               सय  नम कार प ित म  आव यक िनयम एव सावधािनया : ं
                                                   ं
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                                                                    •   दषण  थान पर सय  नम कार नह  करना चािहए।
                                                                                       ू
                                                                           ू
               सय  नम कार प ित म   थान, काल, प रधान, आय सब ं ध ं ी
                                                          ु
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                                                                    •  सय  नम कार िनि त समय पर, िनयिमत  प से, भखे  ू
               आव यक िनयम  का वण न िन नानसार है।
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                                                                        पेट ही करना चािहए।
                                                                  41
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