Page 38 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17 माच , 2021
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है। दन े ा चािहए। इससे रा क े योगदान म बह त असर पड़ता है।
अथा त- समय क े बीतने पर या अध ं ेरा हो जाने पर सावधानी इससे दश े क गित अखंडता म बाधा उ प न होती है। इसीिलए
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रखने का या लाभ जब चोरी करक े चोर क े चले जाने पर समय क े म य को समझना एक-एक नाग रक का कत य है। जैसे
सावधानी का या लाभ ? पानी क े पार करने पर पल को बांधने समय िकसी का इंतजार नह करता है उसी तरह काल भी िकसी
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का या लाभ? ठीक उसी कार एक बार समय िनकल जाने पर का इंतजार नह करता है वह हमेशा घमते रहता है। काल क े च
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पछताने का या लाभ? को हम िवपरीत योग म घमा नह सकते ह जैसे समय क काय
समय उस यि क े िलए मह वपण है। जो इस धरती पर है और ख ड म या िफर काय गित म हम बाधा नह ला सकते है। दख े ा
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समय का क करता है ऐसे लोग का समय भी साथ िदया है। जाय तो समय का सही सद योग तो हम कर सकते ह । लेिकन
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लेिकन समाज क े उस वग क े िलए मानव का मह व जीवन या हम समय का सही सद योग करक े जीवन म गित ला सकते
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सफलता क क ं जी पाने क े िलए अिधक मह वपण है कहने को तो ह । मचमच समय बड़ा ही म यवान और बलवान है। कहने को तो
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सब कछ है। लेिकन "छा ावास" क े समय का मह व जानना समय बह त ही बलवान होता है। एक बार िकसी ने पछा समय को
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ज री है। अपनी मौज म ती और सैर सपाटे म अपना समय न सब लोग मह व य दत े े ह और समय को बलवान य कहते ह ।
नह करना चािहए। हमार े छा बध ं कलाई म घड़ी बाधते ह उसने िफर जबाब िदया जब समय आप से िमले तो समय से ही
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लेिकन फ ै शन समझ क े घड़ी कोई ग ं ार फ ै शन नह है। घड़ी पछ लेना । समय का सद योग सही व और सही समय पर
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सदव ै सजग करती है। इसक आवाज सननी चािहए। समय क करना चािहए। तभी जीवन क साथ कता क ओर हम सिनि त
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पहचान करक े अगर छा अपनी जीवन यतीत कर। तो अपने और स ढ़ कदम बढ़ा सकते ह ।
नाग रक होने क उिचत कम से कभी वि ं चत नह रह गे। अगर
छा ावास म समय का मह व और इसक सदपयोिगता को नह समय क े साथ जीवन को हमेशा ता पय रखना चािहए।
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अपनाया तो आगे जाकर भिव य म अपने जीवन म बह त समय क े बार ेम और या कहना है लेिकन एक जीवन क स ची
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पछताना पड़ेगा। इसका मह व समझकर अपने जीवन का सही गाथा समय क े बार े म बता सकता ह ं जीवन क सफर म गजर
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माग पर चलते रहने क े िलए हर सभ ं व यास करना चािहए। जाते ह जो मकाम वो िफर नह आते, वो िफर नह आते, वो
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समय अपने आप म एक मह वपण है समय को यथ नह जाने मकाम।
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हम सफर - ि वेदी
न कर यादा आज मझपर है
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थोड़ा तो कर लो ऐतबार कल िकसी और पर अब सबह हो रही है।
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आज हम ह िजद ं गी एक सफर है सच कह रहा ह ं
कल का या भरोसा दो कदम तो साथ चल लो कल जो कछ ह आ है
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िजद ं गी थोड़ी सी है न जाने कल या होगा उसे भल रहा ह ं
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हम सफर तो बन ल ।। हम सफर तो बन ल ।। यिकन तम तो कर लो
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हम सफर तो बन ल ।।
िकसी एक पल म रात हो गई है
दिनया िबखर जाती है न िदल साथ द े रहा है माना क कछ ह आ है।
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आज जो िमले ह ज बा लड़खड़ा रही है गलतफहिमयां ह ।
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कल न िमले माना क व बेवफा है िमल कर िबछड़ जाना
बचे ह कछ पल मझपर यक न कर लो हम दोन क गलितयां ह
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हम सफर तो बन ल ।। हम सफर तो बन ल ।। अब सबह हो गई है।
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हम सफर तो बन ल ।।
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