Page 37 - Konkan Garima 17th Ebook
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अक - 17                                                                                          माच , 2021
               ं






                                                    समय का मह व                                         - सीताराम दबे ु

                                                                                                 िहद ं ी अनवादक, बेलापर  ु
                                                                                                        ु
                                                                                        ू
               हम  हर वष  क  तरह इस वष  भी इन पि काओ ंम   कािशत करने   लेना चािहए। समय बह त म यवान है। समय का एक पल गवाना
               क े  िलए िकसी एक िवषय म  अपने िवचार  कट करने का अवसर   मान  जैसे एक र न गवाने जैसा है।
               िमला  है।  इसक े   िलए  बह त-बह त  ध यवाद,  म   आज  अपना   कबीर दास ने कहा है......
               िवचार" समय का मह व" इस मह वपण  िवषय पर लेख िलख रहा   काल कर  ेसो आज कर,आज कर   सो अब,
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               ह । ं  कहा जाता है िक मन य बलवान नह  होता है समय बलवान   पल म  परलै होत है बह  र करग े ा कब।
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               होता है लेिकन समय आराम नह  करता है। भारत वष  ऋिष     अथा त समय पर िकया ह आ छोटा सा काय  भी महान होता है। पर

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               मिनय  का दश े  है। भारत म  समय को काल या महाकाल कहा   समय िबतने पर बड़ा से बड़ा िकया ह आ महान काय  भी  यथ
               जाता है। काल का च  अबोधगित से चलता चला आ रहा है। इसे   चला जाता है। िकसी महा प ष ने कहा समय बह त ही म यवान
                                                                                         ु
                                                                                                               ू
               दव े ता  भी  माना  गया  है।  िजस   कार  परमा मा  अनंत  और   है। िजस  कार  वण  का एक-एक अश ं  म यवान है ठीक उसी
                                                                                                    ू
               अनािदत है। उसी  कार काल अनंत और अनािदत है। मानव       कार समय का एक-एक पल म यवान है। काल च  क े  अखंड
                                                                                            ू
               जीवन क े   प म  हम  एक अखंड काल का एक छोटा सा भाग िमला   को सही उपयोिगता से आपक े  गए ह ए जीवन क  सफलता क ं जी
                                                                                                                  ु
               है। िजसे हम यह कह सकते ह  िक समय म यवान है। शायद खोई   पायी जा सकती है।
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               ह ई व त पन: ा  हो सकती है। पर समय एक बार िनकल गया तो   समय का इससे सद ं र वण न नह  आका जा सकता है। समय का
                                                                                  ु
               वापस नह  आता है। घड़ी क  सई एक-एक सेक  ड म  िटक-िटक   सद योग हम  सफलता पण  जीवन क  याद िदलाती है।
                                                                                       ू
                                                                       ु
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               क  आवज से समय का एहसास िदलाती है। हर पल िबतने का     समय उसी का साथ दत े ा है जो इसक  सदपयोिगता क  पहचान
                                                                                                    ु
               एहसास कराती रहती है। जैसे उगता ह आ सरज सबह का        करक े  अपने जीवन म  समेट लेता है। समय क  उपे ा करने वाल
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               एहसास कराता है। डबता ह आ सरज शाम होने का एहसास       को समय ने कभी  मा नह  िकया है।
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               कराता है । इससे एक-एक िदन कम होने का एहसास कराता है।   िजस तरह कमान से िनकला ह आ तीर कमान म  वापस नह  आ
               िजस तरह मौसम अपने होने का एहसास कराता है मौसम चले    सकती उसी  कार वाणी से िनकले श द वापस नह  आ सकते।
               जाने का भी एहसास कराता है।                           उसी तरह से पेड़ से िगरी ह ई डाली को वापस पेड़ से जोड़ा नह
               िकसी  यि  ने समय क े  बार  ेम  बड़ी ही पते क  बात कही िदन ित   जा सकता। ठीक उसी तरह समय एक बार हाथ से िनकलने क े
               िदन एक लघ जीवन है और हमारा जीवन मा  एक िदन क         प ात वापस नह  आ सकता।
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               पनराव  है। िदन  ित - िदन ऐसा िजय  जैसे अि ं तम ही हो । समय   समय क े  िवषय पर  ीमन नारायण ने अपने लेख "समय नह
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               क  उपयोिगता का ही  या या है समय बह म य है, इसका एक-  िमला" म  कहा समय बह त ही म यवान है। लेिकन प र म करने
                                                                                            ू
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               एक पल गव ं ाने वाला  यि  अपने जीवन क े  समय को गवा बैठता   पर भी हम समय म  एक भी िमनट बढ़ा नह  सकते ह ।  इसीिलए
               है। बड़े-बड़े महाराजाओ ंका असफलता का कारण भी यही रहा   तो समय धन से भी कही  यादा म यवान है। इसीिलए इतने
                                                                                                ू
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               है। शेरशहां सरी  ारा ह माय का पराजय का कारण भी यही रहा है।   म यवान से धन का  या मकाबला िकया जा सकता है। समय का
                                                                                        ु
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               दख े ा जाय तो ह माय ने अपना सारा समय ऐशो आराम से     सदपयोग करने वाल  का समय कभी साथ नह  दत े ा है। इसका
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                                                                       ु
               िबताया,शेरशहां सरी ने उसी व  समय का  यादा उपयोग      सद योग करने वाल  को समय अपने से कभी ल जीत नह  होने
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               िकया।                                                दत े ा है।
               औरग ं जेब  ने  अपने  वसीहतनामा  मे  िलखा  समय  पल  पल   कहावत है िक गया समय िफर हाथ नह  आता  य िक अब
               बह म य है। मेरा मानना है िक कोई भी   यि  जब तक असफल   पछताए  ंहोत  या जब िचिड़या चग गई खेत।
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                                                                                            ु
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               नह  होता तब तक  यास नह  करता है। यिद हर  यि  समय का   अथा त – मानव  पी खेत म  समय  पी िचिड़या सार  ेदाने चग ले
               सही सदपयोग कर    तो कभी भी उसे हार का सामना नह  करना   जाती है िचिड़या क े  चले जाने पर खेत क  रखवाली करने से  या
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               पडे़गा।                                              फायदा ?
               कहावत है "समय धन है" इसे हम  अपने  दय क  गहराई म  उतार   कहने का तो समय है लेिकन कालच  का िनराकरण नह  सभ ं व
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