माननीय रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभु व्दारा रिमोट कंट्रोल के जरिए बाल्ली में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला रखने, मडगांव में कोच मध्यवर्ती ओवरहालिंग डिपो का उद्घाटन, प्लेटफार्म टिकट और टिकट चेकिंग रसीदों को जारी करने के लिए हैंड हेल्ड डिवाइस शुरु
माननीय रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभु व्दारा आज मडगांव में आयोजित समारोह में रिमोट कंट्रोल के जरिए बाल्ली में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला रखी गई, मडगांव में कोच मध्यवर्ती ओवरहालिंग डिपो का उद्घाटन किया गया, प्लेटफार्म टिकट और टिकट चेकिंग रसीदों को जारी करने के लिए हैंड हेल्ड डिवाइस की शुरुआत करने के साथ-साथ जामसंडे,देवगड में मैंगो पैक हाऊस का अप-ग्रेडेशन किया गया।
कोंकण रेलवे के बाल्ली स्टेशन पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क
एक ऐतिहासिक घटना में कोंकण रेलवे और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकोर) व्दारा बाल्ली रेलवे स्टेशन पर एक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन किया जाएगा जो गोवा में इस तरह का पहला लॉजिस्टिक पार्क होगा जिसे स्थापित करने के लिए कॉनकोर शुरूआत में 30 करोड़ रुपए निवेश करेगी। बाल्ली रेलवे स्टेशन पर यह सुविधा स्थापित करने के लिए कोंकण रेलवे नाममात्र लाइसेंस शुल्क और राजस्व शेयरिंग पर कॉनकोर के लिए अपनी खाली जमीन उपलब्ध करायेगी।
भविष्य में यातायात बढ़ने और इसके विस्तार होने की दृष्टि से शुरूआत में यह सुविधा 94,000 वर्ग मीटर में फैलेगी। यह लॉजिस्टिक पार्क दोनों घरेलू और एक्जिम कंटेनर यातायात संभालने के लिए सक्षम होगा। यहाँ से कंटेनर यातायात के अलावा दोनों खुला और कवर वैगनों द्वारा वस्तुओं का परिवहन भी किया जा सकता है।
पहले चरण में 5000 वर्ग मीटर का कस्टम बॉण्डेड भंडारण स्पेस बनाया जा रहा है और मेजबान मूल्य वर्धित सेवाएं जैसे भराई, रिपैकिंग आदि उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगी।
गोवा में दोनों व्यापार एवं उद्योग के लिए आर्थिक परिवहन के काफी साधन और अत्याधुनिक सुविधाएं है ताकि कॉनकोर इस सुविधा पर कोंकण रेलवे के साथ साझेदारी प्रदान कराएगा जो लाभदायक भी होगा। संचलन के पहले वर्ष में ही प्रति माह 15 रेक संचलित करने की संभावना है।
मडगांव में कोच मध्यवर्ती अनुरक्षण डिपो
कोंकण रेलवे का मडगांव कोच केयर सेंटर एक प्रमुख कोचिंग डिपो है जिसमें 178 कोचों को 18 महीनों में एकबार आवधिक ओवरहालिंग (POH) के लिए कैरेज कारखाना, हुबली, दक्षिण पश्चिम रेलवे के लिए भेजे जा रहे हैं। पी.ओ.एच. के अलावा इन डिब्बों की सभी बोगियां नामित प्राथमिक डिपो में पिछले पी.ओ.एच.की तिथि से नौ महीने के बाद इंटरमीडिएट ओवरहालिंग (IOH) के लिए भेजी जाती हैं। सभी नव निर्मित कोचों की एक वर्ष सर्विस के बाद उन्हें IOH के लिए भेजा जाता है। मडगांव में IOH के दौरान कोचों को हटा लिया जाएगा,बोगियों को बाहर निकाला जाएगा और हुबली कैरिज कारखाना,दक्षिण पश्चिम रेलवे से सड़क मार्ग के जरिए परिवहन किए गए अनुरक्षित कोच परिवर्तित किए जाएंगे तथा कोच इंटीरियर के साथ ही कोच अंडर गियर प्रणाली की आवश्यक मरम्मत पर ध्यान दिया जाएगा।
वर्तमान में मडगांव से वेरणा (12 कि.मी.) तक IOH कोचों को ले जाने की आवश्यकता होती है जहां इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। मडगांव में यह इंटरमीडिएट ओवरहालिंग डिपो शुरू होने से कुशलतापूर्वक समय पर कोचों का ध्यान रखा जा सकता है। इस प्रकार, हमारे महत्वपूर्ण यात्रियों के लिए संरक्षा, सुविधाएं और आरामदायी यात्रा में सुधार होगा। नए निर्मित IOH शेड की अनुमानित लागत 3 करोड़ रुपए होगी।
चल टिकट परीक्षकों के लिए हैंड हेल्ड टिकटिंग डिवाइस
माननीय रेल मंत्री द्वारा वर्ष 2016-17 के लिए बजट में की गई घोषणा की पूर्ति के अनुसरण में माननीय रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभु द्वारा चल टिकट परीक्षकों के लिए हैंड हेल्ड टिकटिंग डिवाइस का उद्घाटन किया जा रहा है। इस हैंड हेल्ड डिवाइस से टिकट का एक्सटेंशन, यात्रा क्लास का अपग्रेडेशन, क्लास परिवर्तन करने पर बदलाव राशि का किराया, यात्रा न करने पर यात्रा के लिए ई.एफ.टी.जारी करने या ए.सी.कार्यरत न रहने पर निम्न श्रेणी प्रमाण पत्र आबंटित करने, उच्च श्रेणी में यात्रा करने पर जुर्माना/बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना/थूंकने, धूम्रपान करने, शराब पीने पर जुर्माना, प्लेटफार्म टिकट जारी करने के साथ नियमित यू.टी.एस. और रोल ऑन - रोल ऑफ टिकटिंग जारी करने के लिए इसका उपयोग होगा। जी.पी.आर.एस. कनेक्टिविटी के साथ यह एक स्मार्ट डिवाइस है, इसमें 3 इंच थर्मल प्रिंटर है और यह स्टैंड अलोन मोड पर कार्यरत है। इस डिवाइस पर की गई लेनदेन की सूचना के.आर. नेटवर्क पर स्थापित केंद्रीय सर्वर के साथ जोड़ी गई है। इसका चल टिकट परीक्षकों के मैन्युअल ई.एफ.टी.पुस्तिकाओं के साथ परिवर्तन किया जाएगा और इन्हें बेहतर मदद करेगा।
जामसंडे देवगड में मैंगो पैक हाउस:
जामसंडे, देवगड में मौजूदा मैंगो पैकिंग हाउस को अपग्रेड किया जाएगा ताकि माल का निर्यात किया जा सकता है और किसी भी कारण से फलों को नुकसान न पहुंचाते हुए उचित पैकिंग में देश के विभिन्न भागों में आपूर्ति की जा सकती है।