कोंकण रेलवे को दूरदराज क्षेत्रों के साथ चिपलूण से कराड तक पोर्ट कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करना

Konkan Railway to connect Chiplun to Karad by Rail to facilitate Ports Connectivity to Hinterland

कोंकण रेलवे को दूरदराज क्षेत्रों के साथ चिपलूण से कराड तक
पोर्ट कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करना

 

कोंकण रेलवे ने विशेष रूप से कोंकण की जनता और सामान्य रूप में राष्ट्र को समर्पित सेवाओं के साथ अपने गौरवशाली 25 वर्ष पूरे किए हैं। अपनी रजत जयंती समारोह मनाने के साथ चिपलूण से कराड रेल द्वारा जोड़ने का प्रस्ताव है, जिससे महाराष्ट्र के दूरदराज क्षेत्रों के लिए पोर्ट कनेक्टिविटी सक्षम होगी ।यह कनेक्टिविटी उद्योग स्थापित करने के लिए तथा लाइन के आस-पास स्थित जनता को रोजगार निर्माण करने के लिए बड़ा वरदान साबित होगी।

इस नई परियोजना में चिपलूण से कराड 103 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के निर्माण कार्य का समावेश होगा। महाराष्ट्र सरकार भी कोंकण तट के रेवस, दिघी, जयगढ़, आंग्रे, विजयदुर्ग, रेडी  आदि समुद्री बंदरगाहों के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और इन बंदरगाहों से एक्जिम कार्गो के त्वरित निकासी की सुविधा के लिए नई लाइन उपलब्ध कराई जाएगी।

वर्तमान में, (वित्तीय वर्ष 2014-15) महाराष्ट्र ने 16.86 लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया है जो भारत के जी.डी.पी. के लगभग15% है। महाराष्ट्र के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, राज्य में और अधिक विकास करने की काफी आवश्यकता है। ये बंदरगाह उस क्षेत्र के विकास का मुख्य स्रोत होंगे। एक्जिम कार्गो की प्रभावी निकासी और दूरदराज क्षेत्रों की कनेक्टिविटी, कार्गो का बंदरगाह तक और बंदरगाहों से सुचारु रूप से परिवहन करेगी।

यह नई चिपलूण – कराड रेलवे लाइन दूरदराज क्षेत्रों को बंदरगाहों से जोड़ने वाली महाराष्ट्र में पहली रेलवे लाइन होगी। यह लाइन सुलभता और कच्चे माल तथा तैयार उत्पादों के किफायती संचालन द्वारा दूरदराज क्षेत्रों के समग्र विकास का साधन होगी। इसके अलावा, बंदरगाह और जुड़े रेलवे लाइन की यातायात के लिए अन्य स्तर में तेजी से वृद्धि होगी।

कोंकण रेलवे द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। मैसर्स प्राइसवाटरहाउसकूपर्स द्वारा लाइन ट्रैफ़िक प्रोजेक्शन किया गया है और मैसर्स एस.बी.आई. कैपिटल लिमिटेड द्वारा वित्तीय व्यवहार्यता का अध्ययन किया गया है। अध्ययन रिपोर्ट में बिजली उत्पादन के लिए थर्मल कोयला और सीमेंट प्लांट के लिए थर्मल कोयला ये मुख्य कार्गो दर्शाए गए हैं। इस प्रकार वर्ष,2018 के दौरान कुल कोयला संचलन11एम.टी.पी.ए. से अधिक रिपोर्ट की गई है। नई लाइन में फर्टिलायजर्स, आइरन ओर और कंटेनर के लिए भी योजना बनाई है। अध्ययन के अनुसार      वर्ष,2018 के दौरान 14.9 एम.टी.पी.ए. और वर्ष,2033 में 43.2एम.टी.पी.ए. कार्गो की सतत वृद्ध दर्शाती है। रेलवे परिवहन को माल सरफेस परिवहन के सभी अन्य साधनों की तुलना में सबसे ज्यादा पर्यावरण अनुकूल मोड माना जाता है।

इस लाइन के निर्माण अवधि के दौरान प्रति वर्ष लगभग 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार और इससे कई गुना अधिक अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के अवसर निर्माण होंगे। क्षेत्रीय विकास के अन्य स्तर में रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिलेगा तथा क्षेत्र का समग्र विकास पहले से आकर्षक होगा। इस लाइन का सीधा प्रभाव महाराष्ट्र के लातूर, सोलापुर, परली, सतारा, कोल्हापुर, रत्नागिरी तथा कर्नाटक के बिजुर, बेलगावी, गुलबर्गा जिले में पडेगा। आसपास के जिलों के अधिक विकास के प्रभाव को ट्रिगर किया जाएगा। इस प्रकार यह नई रेल लाइन कोल्हापुर को पश्चिमी तट के नए बंदरगाहों के साथ जोड़ेगी तथा इससे कोल्हापुर के विकास में सहायता मिलेगी जो महाराष्ट्र का सबसे उच्चतम चीनी उत्पाद का जिला है।

भारत के मेरीटाइम एजेंडा 2020 के अनुसार, पोर्ट कार्गो का प्रोजेक्शन तिगुना (2020तक) बढ़ जाएगा। मेरीटाइम एजेंडा 2020 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इस तरह की रेल परियोजनाओं से जो दूरदराज के क्षेत्रों को बंदरगाहों से जोड़ने में सुविधा होगी।

हाल ही में रेल मंत्रालय द्वारा घोषित सहभागिता नीति के अनुसार परियोजना होगी। नीति के विभिन्न मॅाडल हैं तथा यह परियोजना, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) मॉडल में की जा रही है,जिसमें सरकारी और नीजि दोनों भागीदार होंगे। इस परियोजना के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 2500 करोड़ है और कोंकण रेलवे प्रस्तावित एस.पी.वी. में इक्वीटी की 26% शेयर करेगी। महाराष्ट्र सरकार इसपरियोजना की लागत का 50% के लिए प्रतिबद्ध है तथा शेष निजी भागीदारी से होगी।

रेल मंत्रालय द्वारा हाल ही में इस परियोजना को अनुमोदित किया गया है और एस.पी.वी. के गठन की प्रक्रिया प्रगति पर है। यह परियोजना 5 साल में पूरी होने की उम्मीद है। इसके दो / तीन महीने में एस.पी.वी. का गठन पूरा होने की उम्मीद है और इसके तत्काल बाद परियोजना शुरु की जाएगी।     कोंकण रेलवे “अपने सदैव मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ सादर सेवा” के अपने अभिनव सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है, उसके ताज में इससे ओर एक गहना जुड़ जाएगा।

 

Siddheshwar Telugu
Chief Public Relations Officer