जयगड़ - डिगनी नई रेलवे लाइन के निर्माण कार्य की नींव
जयगड़ पोर्ट को कोंकण रेलवे के डिगनी स्टेशन तक जोड़ने वाला 33.7 किलोमीटर लंबीई का रेलवे कॉरिडोर, एक वास्तविकता बनने जा रहा है।
आज 25/03/2017 को, श्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री, श्री सुरेश प्रभु, माननीय रेल मंत्री और श्री नितिन गडकरी, माननीय परिवहन और बंदरगाह मंत्री ने जयगड़ पोर्ट को कोंकण रेल नेटवर्क पर नए डिगनी स्टेशन से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण कार्य की नींव रखी है।
इस रेल लिंक परियोजना की मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार हैं –
यह परियोजना एक महत्वपूर्ण भुमिका निभाएगी, जिसकी अवधारणा कोंकण रेल द्वारा, रेल मंत्रालय की भागीदारी नीति के तहत संयुक्त उद्यम मॉडल के रूप मे की गई है। इस हेतु जयगढ़ डिगनी रेल लिमिटेड (जेडीआरएल) संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई गई है, जिसमें जेएसडब्ल्यूजेपीएल, कोंकण रेल्वे और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड शेयरधारक हैं। पीपीपी परियोजना जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा लागू की जाएगी, जो कि जेएसडब्ल्यू ग्रुप की एक इकाई है, जिसमे जेएसडब्ल्यू ग्रुप 63 प्रतिशत, कोकण रेलवे 26 प्रतिशत और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की 11 प्रतिशत भागीदारी रहेगी। इस परियोजना को स्पेशल पर्पज व्हेईकल द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा हे जिसका का नाम जयगढ़ डिगनी रेल लिमिटेड रखा गया है।
जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक शाखा, जेएसडब्ल्यू जयगढ़ पोर्ट लिमिटेड ने 28 जून 2015 को कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड (केआरसीएल) के माध्यम से रेल मंत्रालय (एमओआर) के साथ 30 साल का एक रियायत समझौता किया। JSWJPL इस परियोजना को सार्वजनिक निजी रेल प्रणाली के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए भागीदारी मॉडल। परियोजना की अनुमानित लागत रु 771 करोड़ है, इसका के लिए वित्त की व्यवस्था इक्विटी और ऋण के संयोजन के माध्यम से की जा रही है।
इस नई रेल लाइन का संरेखण सह्याद्री पर्वत के कठिन इलाके से होकर गुजरता है, जिसके लिए लगभग 18 किमी लंबी सुरंग का निर्माण आवश्यक होगा। परियोजना के पूरा होने का अनुमानित समय 30 महीने है और रेल गलियारा के द्वारा जयगड़ बंदरगाह से प्रति वर्ष लगभग 12 मिलियन टन के माल ढुलाई होने की उम्मीद है।
यह परियोजना के पूर्ण होने पर, बंदरगाह कंपनी को जयगड पोर्ट से कोंकण रेलवे के माध्यम से दूरदराज के इलाके मे थोक माल ढुलाई करने मे मदद मिलेगी तथा यह परियोजना, क्षेत्र में सामाजिक तथा आर्थिक बदलाव लाएगी तथा नौकरी के अवसर प्रदान करेगी। परियोजना के निर्माण के दौरान, स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेगा। क्षेत्र के दूरदराज इलाकों से कृषि उत्पाद को बंदरगाह के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकेगा। इन सभी के अलावा, क्षेत्र में बंदरगाह से संबंधित बहुत सी गतिविधियो का भी विकास होगा।