कोंकण रेलवे पर 216 विशेष गाड़ियों के साथ ग्रीष्मकालीन छुट्टियों का लुफ्त उठाएँ
कोंकण रेलवे द्वारा वर्ष1998 से रोहा-मंगलुरु के बीच 740 किलोमीटर की दूरी के मध्य रेल गाडियाँ चलाई जा रही हैं। कोंकण रेलवे, गोवा के प्रकृतिमनोहर समुद्र तटों के पर्यटन स्थलों के चौमुखी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पर्यटन स्थलों से भरे पूरे इस क्षेत्र में, कोंकण रेलवे एक उत्प्रेरक के रूप में देशी और विदेशी पर्यटकों को सहजी अपनी ओर आकर्षित करती है। कोंकण के इलाके में तमाम ऐसे टुरिस्ट स्पॉट है जो बेहद खूबसूरत हैं और जहा पर जाने के लिए लोगों में खास उत्साह रहता है। पश्चिमी तट के पर्यटन स्थलों में दिलचस्पी रखने वाले भारतीय पर्यटन स्थलों तक पहुँचने के लिए कोंकण रेलवे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कोंकण रेलवे मार्ग पर लुभावने एवं मनमोहक स्थल यात्रियों को अपनी ओर लुभाते हैं। कोंकण रेलवे की खासियत यह है कि वह पश्चिमी घाट से होते हुए गुजरती है। यहाँ पर कोंकण इलाके के खूबसूरत समुद्री तट हैं, जबरजस्त झरने हैं, हरयाली है और मन को मोहने वाली पहाड़ियाँ हैं।कोंकण रेलवे के ट्रैक पर चलाने वाली ट्रेनें गोवा के खूबसूरत समुद्र तट को भी पार करती है। लिहाजा प्रकृति की खूबसूरत छ्टा को निहारने के लिए छुट्टियों के दौरान सैलानियों की भीड़ कोंकण रेलवे के लिए उमड़ पड़ती है।
माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु जी ने ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान यात्रियों की बढ़ती मांग और अपेक्षाओं को समझा है। उनके कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में, कोंकण रेलवे ने जोनल रेलवे के समन्वय से अप्रैल से जून, 2017 की अवधि के दौरान सैलानियों की लगातार बढ़ रही मांग को देखते हुए 216 ग्रीष्मकालीन विशेष गाड़ियां चलाने का निर्णय लिया है, अगर पिछले साल की बात करें तो इस दौरान कोंकण रेलवे ने 168 ग्रीष्मकालीन विशेष गाड़ियां चलाई थी।
कोंकण रेलवे, अपने यात्रियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करने में हमेशा विश्वास रखती है।
ग्रीष्मकालीन विशेष गाड़ियों का विवरण निम्नानुसार है :