कोंकण रेलवे पर विश्व पर्यावरण दिवस
कोंकण रेलवे पर स्थायी विकास के लिए पर्यावरण के प्रति जागरूक संगठन के रूप में अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए 5 जून, 2017 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। कोंकण रेलवे, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट (यूएनजीसी) के सबसे पुराने हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक है, इसने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई पहल की हैं, इनमें अद्वितीय और अभिनव रोल-ऑन रोल-ऑफ सेवा इसकी शुरूआत अर्थात् वर्ष 1999 से ही इसमें शामिल है। इससे कोंकण क्षेत्र में प्रदूषण मुक्त वातावरण तैयार करने के साथ लगभग 750 लाख लीटर के फोसिल ईंधन की भी बचत हुई है।
माननीय रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभु जी हमेशा से ही कोंकण रेलवे के लिए न केवल यातायात सुविधाओं को बढ़ाने में बल्कि पर्यावरण संरक्षण गतिविधियां आयोजित करने में भी मार्गदर्शन और प्रेरणा के स्रोत रहे हैं ।
स्वयं डिजाइन किया गया स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट, एफ्लूएंट ट्रीटमेंट और पानी रि-साइक्लिंग के अलावा प्रत्येक वर्ष में 10 मिलियन लीटर पानी की बचत करने में मदद करता है। कोंकण रेलवे में प्रयोग की जाने वाली इस तकनीक को भारतीय रेलवे के अन्य भागों में भी प्रचारित किया जा रहा है। पानी की बचत के लिए खुले कुओं और ट्यूबवेल के आसपास के रि-चार्जिंग पिट के माध्यम से पांच स्टेशनों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली भी उपलब्ध कराई गई है।
स्टेशनों पर और गाड़ियों में पर्यावरण अनुकूल जैव शौचालयों का प्रावधान करना और एक प्रमुख पहल है। अब तक 11 स्टेशनों पर जैव-शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं और भविष्य में सभी शौचालयों को जैव-शौचालय तकनीक प्रदान करने के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है। रेल मंत्रालय के मिशन के अनुसरण में कोचों से शून्य डिस्चार्ज के लिए लगभग एक तिहाई डिब्बों में जैव शौचालय फिट किए गए हैं। कचरे के प्रबंधन के लिए स्टेशनों पर बायो डिग्रेडेबल और नॉन-बायो डिग्रेडेबल अलग डिब्बे, डीईएममू सेवा सहित डिब्बों में कूड़े-दान, स्टेशनों पर ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर्स का प्रावधान ये प्रमुख पहल हैं।
शुद्ध हवा के लिए लंबी सुरंगों में सुरंग वायुसंचार, सुरंगों में, प्रमुख स्टेशनों पर और हाई मास्ट्स में ऊर्जा बचत एलईडी लाइट, 503 किलोवॉट उत्पादन क्षमता के सौर और पवन ऊर्जा इंस्टॉलेशन और रनिंग रूम, विश्राम गृहों तथा प्रशिक्षण संस्थानों में सोलार वॉटर गीजर के प्रावधान से अक्षय ऊर्जा का उपयोग और बिजली की खपत को कम करने के प्रति संगठन की दृष्टि को दर्शाता है।
वर्ष 2016-17 में लगभग 1.12 लाख वृक्ष लगाए गए थे और वर्ष 2017-18 के दौरान 1.5 लाख पेड़ लगाए जाने का प्रस्ताव है।
प्रणाली में सुधार के तहत, कोच केअर सेंटर, मडगांव एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) को कार्यान्वित कर रहा है, जिसमें पर्यावरण प्रबंधन भी शामिल है। इसी प्रकार, ऊर्जा प्रबंधन में सुधार के लिए चार प्रमुख स्टेशनों, छह प्रमुख सुरंगों और कॉर्पोरेट कार्यालय में ऊर्जा लेखा परीक्षा आयोजित की गई थी।
इस अवसर पर कॉर्पोरेट कार्यालय और क्षेत्रों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें:-
(1) कोंकण रेल विहार,नेरूल, रत्नागिरी रेलवे कॉलोनी, कणकवली स्टेशन, कारवार और उडुपि रेलवे कॉलोनी और जम्मू एवं कश्मीर के कोंकण रेलवे कार्यालय में वृक्षारोपण।
(2) कोंकण रेल विहार, नेरुल में निबंध प्रतियोगिता।
(3) रत्नागिरी स्टेशन पर पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के लिए मैसर्स सोसाइटी द्वारा शैक्षिक कार्यक्रम का आयोजन।
(4) एसडीएम कॉलेज, आयुर्वेद एवं अस्पताल, उडुपि के सहयोग से सहायक इंजीनियर कार्यालय, उडुपि में औषधीय प्लांट पार्क के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया और इस कार्यक्रम में आयुर्वेदिक औषधीय पौधों और पौधों के महत्व पर मौलिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया। कार्यक्रम में सभी विभागों के कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
(5) कारवार में ड्राइंग के साथ पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन।