कोंकण रेलवे का 27वां स्थापना दिवस समारोह - 15 अक्तूबर, 2017

Konkan Railway is celebrating its 27th foundation day on 15th Oct' 2017

कोंकण रेलवे मुंबई और मंगलुरू के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो नयनरम्य पश्चिमी घाटों के बीच से गुजरती है। इसमें महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल चार राज्य शामिल हैं। इसके 740 किलोमीटर के सेक्शन में कठिन और बीहड़ भू-भाग शामिल हैं।
90 के दशक में इंजीनियरिंग क्षेत्र के नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करके, भौगोलिक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया गया। 90 से अधिक सुरंगों, लगभग 2000 पुलों और 564 गहरी कटिंगों, के साथ कोंकण रेलवे का निर्माण करना 90 के दशक में एक कठिन कार्य था और आने वाले समय के लिए एक इंजीनियरिंग चमत्कार होगा।
कोंकण रेलवे इस वर्ष 15 अक्तूबर को , अपने 20 वर्ष के परिचालन चरण के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, अपना 27वां स्थापना दिवस पर मना रही है।
कोंकण रेलवे ने अपने परिचालन चरण के पहले दिन से परिचालन अधिशेष का निर्माण किया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान, कोंकण रेलवे ने रू.61 करोड़ का शुद्ध लाभ हासिल किया है। कॉर्पोरेशन ने पिछले तीन वर्षों में सालाना कारोबार में तुलनात्मक दृष्टी से 69% की वृद्धि दर्ज की है। वर्ष के दौरान कोंकण रेलवे के परियोजना राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान, कंपनी का कारोबार रू. 2152 करोड़ था।
यात्रियों की मांग को पूरा करने और पश्चिम तट पर तेजी से और सुविधाजनक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, वर्ष 2016-17 में दो नई गाड़ियां अर्थात सी.एस.एम.टी.-करमाली के बीच तेजस एक्सप्रेस तथा  इंदौर-कोचुवेली (साप्ताहिक) एक्सप्रेस शुरू की गईं। इसके अलावा, गणपति महोत्सव 2017 के दौरान अतिरिक्त भीड़ का प्रबंधन करने के लिए कोंकण रेलवे ने विशेष गाड़ियों के 254 फेरे चलाए।
कोंकण रेलवे अपने यात्रियों की आरामदायक और सुरक्षित यात्रा के लिए बेहतर यात्री सुविधा प्रदान करने का प्रयास करती है। इस प्रयास को जारी रखते हुए कोंकण रेलवे ने रत्नागिरी, मडगांव और उडुपि में एस्केलेटर तथा इसके अलावा रत्नागिरी में एक ट्रैवलेटर और लिफ्ट उपलब्ध कराई है।
कोंकण रेलवे ने अन्य स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाओं को अपग्रेड किया है। इनमें प्लेटफार्म पर मॉड्यूलर डिजाइन कवर शेल्टर, विकलांगों के लिए शौचालय, नए बेंच के साथ अपग्रेडेड प्रतीक्षालय, वीडियो वॉल, 29 स्टेशनों पर निःशुल्क वाई-फाई, प्लेटफार्म सरफेस में सुधारण आदि शामिल हैं। पारंपरिक व्यंजनों के लिए स्थानीय भोजन स्टाल और ई-खानपान सुविधाएं भी शुरू की गई हैं। पर्यावरण के अनुकूल मानव मल के निपटान के लिए एक अभिनव प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए  11 स्टेशनों पर जैव-शौचालय स्थापित किए गए हैं।
चिपलूण, कणकवली, कुडाल और सावंतवाडी टर्मिनस चरण -I में स्टेशन अपग्रेडेशन कार्य पूरा किया गया है और सावंतवाडी टर्मिनस चरण -II का कार्य प्रगति पर है। कॉर्पोरेशन द्वारा गोवा में जॉर्ज फर्नांडीस इंस्टीट्यूट ऑफ टनल टेक्नोलॉजी और उडुपि में कौशल विकास के लिए रामकृष्ण हेगडे संस्थान स्थापित किया जा रहा है।

कोंकण रेल मार्ग पर निम्नानुसार 10 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
कोलाड और माणगांव के बीच इंदापुर,
माणगांव और वीर के बीच गोरेगांव रोड,
वीर और करंजाडी के बीच सापे वामणे,
दिवाणखवटी और खेड के बीच कलंबणी,
आरवली रोड और संगमेश्वर के बीच कडवई,
आडवली और विलवडे के बीच वेरवली,
राजापुर और वैभववाडी के बीच खारेपाटण,
वैभववाडी और नांदगांव के बीच अचिर्णे,
गोकर्ण और कुमटा के बीच मिरजान और,
उडुपि और पडुबिद्री के बीच इन्नंजे स्टेशन,
हरित और स्वच्छ ऊर्जा की पहल के रूप में, कॉर्पोरेशन ने कुडाल स्टेशन में 25 किलोवॉट, सावंतवाडी में 20 किलोवॉट, थिविम और उडुपि में प्रत्येक 7 किलोवॉट और खेड, चिपलूण और कणकवली स्टेशनों पर प्रत्येक के 2 किलोवॉट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। इन प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त, दो यात्री कोचों के छत पर 9.5 किलोवॉट क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। चिपलूण और कणकवली में 25 किलोवॉट के सोलार पावर प्लांट का कार्य प्रक्रिया में है।

वर्ष 2015-16 में 729 कर्मचारियों को पदोन्नत किया गया था, जिनमें से 37 कर्मचारियों को अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया। 7वां वेतन आयोग और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गई है। महिला कर्मचारियों की शिकायतों के त्वरित निपटान के लिए मार्च, 2016 में "सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाए" नाम की सेल को कोंकण रेलवे के आंतरिक पोर्टल "दिशा" पर   कार्यरत किया गया। विभिन्न श्रेणियों के स्टाफ के लिए हाउसकीपिंग, कंप्यूटर साक्षरता और व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  

कोंकण रेलवे ने स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत के आदर्श वाक्य के अनुसार राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान  के विभिन्न सफाई अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। इसी क्रम में स्टेशनों और गाड़ियों की सफाई में सुधार पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अलावा, पीने के पानी की गुणवत्ता, स्वच्छ आहार, नालियों की सफाई, कूडेदान की पर्याप्तता आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन अभियानों के दौरान सभी स्टेशनों पर गहन सफाई की गई है।
विशेष अभियान के दौरान कॉर्पोरेशन ने अप्रैल से सितंबर, 2016 तक 1,04,000 पौधे लगाए हैं और विभिन्न क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र को कोंकण रेलवे मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया है।
यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने के साथ साथ  कोंकण क्षेत्र के  उन्नति के लिए  कोंकण   रेल द्वारा विभिन्न पहल की गई है, जिसमें के.आर.सी.एल. लाइन की क्षमता बढ़ाना, मार्ग विद्युतीकरण, अतिरिक्त दस नए स्टेशनों का निर्माण कार्य आदि शामिल हैं।

अधिकृत इक्विटी शेयर पूंजी में वृद्धि:
कोंकण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए रेल मंत्रालय ने कोंकण रेलवे को अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्राधिकृत इक्विटी शेयर पूंजी में वृद्धि करने का निर्णय लिया है।

दिनांक 16.12.2016 को रेल मंत्रालय (एम.ओ.आर.) ने अधिकृत इक्विटी शेयर पूंजी रू.806.47 करोड़ से रू.4,000 करोड़ तक बढ़ाने के लिए मंजूरी दी है। इसके बाद निम्नानुसार विभिन्न पूंजीगत व्यय परियोजनाओं के लिए कॉर्पोरेशन के शेयरधारकों ने 28.02.2017 की आयोजित अपनी बैठक में सर्वसम्मति से अधिकृत इक्विटी शेयर पूंजी में रू.806.47 करोड़ से रू.4,000 करोड़ तक बढ़ाने के लिए विशेष प्रस्ताव पारित किया;

1) रोहा-वीर पार्ट दोहरीकरण
2) कोंकण रेलवे का मार्ग विद्युतीकरण
3) कोंकण रेलवे की यातायात क्षमता को दोगुना करना
4) नए क्रॉसिंग स्टेशनों और अतिरिक्त लूप लाइनों का निर्माण कार्य

इन परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए कुल लागत लगभग रूपए 7,500 करोड़ है और परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए लगभग 5 वर्षों का समय लगेगा। कई हॉल्ट स्टेशनों को क्रॉसिंग स्टेशन में बदलने तथा पैच दोहरीकरण से परिचालन और थ्रूपुट में सुधार होगा जिससे कोंकण क्षेत्र के आसपास के लोगों की असुविधा और कठिनाइयां कम होगी और साथ ही कोंकण रेलवे पर उनकी यात्रा आरामदायक होगी।

यह न केवल यात्रा करने वाले यात्रियों को लाभान्वित करेगा बल्कि पूरे कोंकण क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जो राष्ट्र के विकास की दिशा में सहयोग प्रदान करेगा।

तदनुसार, सभी शेयरधारक इन बुनियादी परियोजनाओं के लिए रू.3050 करोड़ के राइट्स इश्यू के जरिए इक्विटी उपलब्ध करेंगे। शेष राशि बाजार से ऋण के माध्यम से उपलब्ध की जाएगी।

कोंकण मार्ग पर निकट भविष्य में आनेवाली  रेल कनेक्टिविटी / बुनियादी परियोजनाएं :
रोहा-वीर सेक्शन का दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है।
कोंकण रेलवे का विद्युतीकरण कार्य प्रगति पर है।
जयगड दिग्नी रेल लिंक का कार्य प्रगति पर है।
आंतरिक और एक्जिम कंटेनर यातायात के प्रबंधन के लिए बाल्ली स्टेशन (गोवा) में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क का कार्य प्रगति पर है।
एम.आर.पी.एल. मंगलुरू के लिए मालभाड़ा साइडिंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
कोंकण रेलवे का पैच दोहरीकरण: रेल मंत्रालय ने रू.4980 करोड़ की अनुमानित लागत पर कोंकण रेलवे की प्रमुख क्षमता वृद्धि कार्य के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी है और
प्रस्ताव मंजूरी के लिए प्रक्रियाधीन है।

राजभाषा के प्रचार प्रसार में सक्रिय भूमिका तथा सर्वोत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2017 में कोंकण रेलवे को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति जी से प्राप्त किया गया।

 

L K Verma
Chief Public Relations Officer