कोंकण रेलवे पर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे उपाय

Energy Efficiency Measures on Konkan Railway

कार्बन फुट प्रिंट को कम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुपालन में, कोंकण रेलवे ने गैर-कर्षण क्षेत्र में ऊर्जा खपत को कम करने हेतु सभी रेलवे स्टेशनों, सुरंगों, कार्यालयों और अन्य सेवा भवनों में पारंपरिक ऊर्जा के पूरी क्षमता से कार्य न करने वाले प्रकाश उपकरणों के स्थान पर एल.ई.डी.लाइट प्रदान करने का निर्णय लिया है।इस पहल के अनुसरण में, कोंकण रेलवे ने अपने लाइन पर स्थित76 किमी लंबाई की  सुरंगों के भीतर पुराने लाइट के स्थान पर एल.ई.डी. लाइट को लगाया गया है। एल.ई.डी.लाइट उपलब्ध कराने से सुरंगों में स्थित सिग्नलों की दृश्यता और स्पष्टता में काफी सुधार आने के साथ संरक्षा में भी वृद्धि हुई है, इसके अलावा विद्युत ऊर्जा की काफी मात्रा में बचत हुई है तथा प्रकाश का स्तर भी 200-300% से बढ़ गया है।

ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अपना अगला कदम उठाते हुए यह निर्धारित किया गया है कि पूरी क्षमता से कार्य न करने वाले प्रकाश उपकरणों के स्थान पर एल.ई.डी. लाइट प्रदान करने और स्टेशनों, कार्यालयों और अन्य सेवा भवनों में स्थित पुराने गैर स्टार मूल्यांकित वातानुकुलित यूनिटों को स्टार मूल्यांकित उच्च ऊर्जा कुशल वातानुकूलित यूनिट्स के साथ बदल दिया जायेगा I इस कार्य लिए, कोंकण रेलवे ने मैसर्स एनर्जी इफिशियंट सर्विसेस लिमिटेड (ई.ई.एस.एल.) के साथ अनुबंध किया है। मैसर्स ई.ई.एस.एल. कंपनी ई.एस.सी.ओ. मॉडल के माध्यम से इस परियोजना के निर्माण के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसमें परियोजनाओं से होने वाली बचत मेसर्स ई.ई.एस.एल. द्वारा किए गए निवेश को चुकाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस पहल से मासिक ऊर्जा बिल में 10-15% बचत की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए अनुमानित लागत 4 करोड़ रुपये है और मार्च,2018 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।                                      

L K Verma
Chief Public Relations Officer