कोंकण रेलवे का 28 वां स्थापना दिवस समारोह।

28th Foundation Day Celebration of Konkan Railway.

कोंकण रेलवे के लिए 15 अक्तूबर एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि कोंकण रेलवे इस वर्ष इस तारीख को अपना 28 वां स्थापना दिवस मना रही है। इस विशेष दिवस को ही अद्भुत कोंकण को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़कर सबसे चुनौतीपूर्ण परियोजना को वास्तविक रूप में लाया गया था।

कोंकण रेलवे ने अपने परिचालन चरण की शुरूआत से परिचालन अधिशेष उत्पन्न किया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान, कोंकण रेलवे ने 126 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में दोगुना है। इस वर्ष के दौरान कोंकण रेलवे के परियोजना राजस्व में भी महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान कंपनी का कारोबार 2483 करोड़ रुपए रहा और विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में इसमें 15% की वृद्धि हुई है।

कोंकण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने और सामान्य रूप से कोंकण के लोगों को सहयोग प्रदान करने के लिए, रेल मंत्रालय ने वर्तमान प्रगति के तहत परियोजनाओं के निष्पादन के लिए और कोंकण रेलवे मार्ग की क्षमता वृद्धि के लिए 806.47 करोड़ रुपए से 4000 करोड़ रुपए तक अधिकृत इक्विटी शेयर पूंजी में वृद्धि के लिए अनुमोदन प्रदान किया है। रोहा-वीर दोहरीकरण तथा कोंकण रेलवे के विद्युतीकरण कार्य के लिए        कोंकण रेलवे ने पहली बार राइट्स शेयर जारी किए और रेल मंत्रालय तथा चार सहभागी राज्यों से 310 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त की।

कोंकण रेलवे हमेशा अपने यात्रियों को एक सुरक्षित और सुखद यात्रा के लिए बेहतर यात्री सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करती है। पर्यटन मंत्रालय ने गोवा राज्य में मडगांव, करमली और थिवीम स्टेशनों को अपग्रेड करने के लिए 25 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है।

कॉर्पोरेशन ने कोंकण क्षेत्र के उन्नयन के लिए कोंकण रेलवे पर अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने के माध्यम से विभिन्न पहल की हैं। इन पहल ने यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने में मदद की है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान कोंकण रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न सुख-सुविधाओं पर 46.48 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। गोवा राज्य में कोंकण रेलवे मार्ग पर एम.पी.एल.डी. योजना के तहत 5.85 करोड़ रुपए की विभिन्न यात्री सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

कोंकण रेलवे 3 प्रमुख पूंजीगत व्यय परियोजनाओं को निष्पादित करने की प्रक्रिया में है। पहले          46 किलोमीटर का रोहा - वीर सेक्शन दोहरीकरण कार्य दिसंबर, 2019 तक पूरा किया जाएगा। बाद में इंदापुर, गोरेगांव रोड, सापे वामने, कलंबणी, कडवई, वेरवली,खारेपाटण, अचिर्णे, मिर्जान, इन्नन्जे इत्यादि 10 नए स्टेशनों के निर्माण और 08 लूप लाइन के निर्माण का कार्य भी प्रगति पर हैं और उक्त कार्य दिसंबर, 2019 तक पूरा होने की संभावना है। पूरे कोंकण रेलवे मार्ग का विद्युतीकरण कार्य भी प्रगति पर है और इसे 1100 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर वर्ष 2020 तक पूरा किया जाएगा।

इसके अलावा माल लदान गतिविधि को बढ़ाने के लिए, कोंकण रेलवे मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एम.आर.पी.एल.) के लिए रेलवे साइडिंग का निर्माण कर रही है। गोवा में कॉनकोर के लिए एक मल्टी मॉडेल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण भी कोंकण रेलवे द्वारा किया जा रहा है। इस मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क से स्थानीय माल का लदान मार्च, 2018 से शुरू किया गया है।
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जुलाई, 2018 माह में, कोंकण रेलवे को विदेशी परियोजना, रक्सौल - काठमांडू रेल लाइन के सर्वेक्षण और यातायात का अध्ययन करने का एक अवसर मिला है। भारत और नेपाल के माननीय प्रधान मंत्री की उपस्थिति में दिनांक 31.08.2018 को दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

कोंकण रेलवे कभी भी संरक्षा के साथ समझौता नहीं करती है और "संरक्षा प्रथम" इस नारे का पालन करती है। इस वर्ष, कोंकण मार्ग पर कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटी है।

महत्वपूर्ण आइटेम की संरक्षा की जांच करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए पूर्व तटीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम द्वारा कोंकण रेलवे की संरक्षा लेखा परीक्षा आयोजित की गई। रेलवे संरक्षा आयुक्त द्वारा अप्रैल, 2018 में कोंकण रेलवे मार्ग का मानसून पूर्व संरक्षा निरीक्षण किया गया।

कोंकण रेलवे ने "स्वचालित गाड़ी परीक्षण प्रणाली" नामक एक अभिनव प्रणाली तैयार की है, जिसे कोंकण रेलवे के रत्नागिरी और वेर्णा स्टेशनों पर स्थापित किया गया है। अब यह "स्वचालित गाड़ी परीक्षण प्रणाली" नागपुर डिवीजन में स्थापित की जा रही है।

कोंकण रेलवे ने बेहतर दृश्यता और विश्वसनीयता के लिए सभी सिगनल लैंप को एल.ई.डी. में बदल दिया है। ऊर्जा संरक्षण के लिए एक पहल के रूप में कोंकण रेलवे के सभी स्टेशनों पर एल.ई.डी. प्रकाश व्यवस्था की गई है।

माननीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल जी की पहल और कुशल मार्गदर्शन में कोंकण रेलवे ने स्टेशनों और रेलगाड़ियों के सफाई में सुधार लाने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। कोंकण रेलवे ने महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान चलाया। कोंकण रेलवे ने स्टेशनों को साफ़ सुथरा रखने हेतु सभी यात्रियों से अपना सक्रिय सहयोग देने के लिए  अपील किया।

कर्मचारियों के योगदान के बिना संगठन की प्रगति और विकास नहीं किया जा सकता है। जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है ऐसे कोकण रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए हैं ।

कोंकण रेलवे हमेशा अपने मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए  प्रयास करती है।

 

 

L K Verma
Chief Public Relations Officer