कोंकण रेलवे मानसून का सामना करने के लिए सुसज्ज

Konkan Railway Gears Up for Monsoon

कोंकण क्षेत्र अपने पर्यटक आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। ग्रीष्मकाल के दौरान कोंकण क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों और मूल निवासियों की अधिकता होती है। इसलिए, कोंकण रेलवे ने अपने मार्ग पर ग्रीष्मकालीन विशेष गाड़ियों के 196 फेरे चलाने की घोषणा की है। इस वर्ष कोंकण रेलवे ने ग्रीष्मकाल के दौरान चलने वाली 146 ग्रीष्मकालीन विशेष फेरों की तुलना में 50 फेरे अधिक चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, गणपति महोत्सव 2019 के अवसर पर भगवान गणेश के भक्तों के लिए विशेष गाड़ियों के 166 फेरों की घोषणा पहले ही की गई है। 

कोंकण क्षेत्र में कुछ ही दिनों में मानसून शुरू होने की संभावना है। कोंकण रेलवे ने अपने मार्ग पर कोलाड (मध्य रेलवे के रोहा स्टेशन के बाद) से ठोकुर (मंगलूरू स्टेशन से पहले) तक सभी नियोजित संरक्षा कार्य पूरे किए हैं और मानसून का सामना करने के लिए तैयार है। विशेष रूप से कैच वॉटर ड्रेन क्लीनिंग और कटिंगों के निरीक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। पिछले 13 वर्षों में इस रेलवे लाइन पर बड़े पैमाने पर भू-संरक्षा कार्य निष्पादित करने से बोल्डर गिरने, मिट्टी फिसलने की घटनाएं काफी कम हुई हैं। इस प्रकार गाड़ियों का संरक्षित परिचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। पिछले 6 वर्षों में मानसून के दौरान बोल्डर गिरने के कारण गाड़ी सेवाओं में कोई बड़ी बाधा नहीं आयी है।

कोंकण रेलवे भारतीय रेल पथ नियमावली के प्रावधानों के अनुसार मानसून के दौरान ट्रैक संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गश्त का आयोजन करेगी। मानसून के दौरान कोंकण रेल मार्ग पर लगभग 630 कर्मी गश्त लगाने का कार्य करेंगे। असुरक्षित स्थलों पर चौबीसों घंटे गश्त लगायी जाएगी और संवेदनशील स्थलों पर 24 घंटे के लिए स्थायी चौकीदार तैनात किए जाएंगे। असुरक्षित स्थलों पर गति प्रतिबंध लगाए जाएंगे। किसी भी आपातकालीन स्थिति के मामले में तत्काल मूवमेंट के लिए सभी नामित स्थानों पर बी.आर.एन. पर स्थापित एक्स्कवेटर तैयार रखे गए हैं।

इंजन चालकों को भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कमी आने पर गाड़ियों की गति कम करके 40 किलोमीटर प्रति घंटा से चलाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। रत्नागिरी और वेर्णा (गोवा) में ए.आर.टी.(दुर्घटना राहत गाड़ी), ऑपरेशन थिएटर के प्रावधान के साथ सेल्फ प्रोपेल्ड ए.आर.एम.वी.(दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन) आपातकालीन चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में निरंतर तैयार रखी गई है।

आपातकालीन स्थिति में केंद्रीय नियंत्रण से संपर्क करने के लिए सभी संरक्षा श्रेणी के कर्मचारियों को मोबाइल फोन प्रदान किए गए हैं। गाड़ी के लोको पायलट और गार्ड दोनों को वॉकी-टॉकी सेट प्रदान किए गए हैं। साथ ही कोंकण रेलवे के प्रत्येक स्टेशन को 25 वॉट वी.एच.एफ. बेस स्टेशन उपलब्ध कराए गए हैं। यह ट्रेन क्रू के बीच तथा ट्रेन क्रू और स्टेशन मास्टर के बीच वायरलेस संचार को सक्षम बनाता है। कोंकण रेलवे मार्ग पर आपातकालीन संचार (ई.एम.सी.) सॉकेट औसतन एक किमी की दूरी पर प्रदान किए गए हैं। ये गाड़ी परिचालन के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थितियों में पेट्रोलमैन, वॉचमैन, लोको पायलट, गार्ड और अन्य क्षेत्र के अनुरक्षण स्टाफ को स्टेशन मास्टर और गाड़ी नियंत्रकों से संपर्क करने में सक्षम बनाते हैं। जब ए.आर.एम.वी. सेवा में होती है तो आपातकालीन संपर्क के लिए ए.आर.एम.वी.(दुर्घटना राहत मेडिकल वैन) में सैटेलाइट फोन संचार व्यवस्था प्रदान किए हैं। सिगनल की दृश्यता में सुधार लाने के लिए कोंकण रेलवे पर सभी मेन सिगनल आस्पेक्ट एल.ई.डी. द्वारा बदल दिए गए हैं।

गाड़ियों के संरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने के लिए मानसून अवधि के दौरान बेलापुर, रत्नागिरी और मडगांव में तीन नियंत्रण कक्ष 24 x 7 कार्य करेंगे। यात्री www.konkanrailway.com या 139 डायल कर ट्रेन की स्थिति चेक कर सकते हैं।

मानसून समय-सारणी 10 जून, 2019 से 31 अक्तूबर, 2019 तक लागू की जाएगी। मानसून समय-सारणी घोषित करने के पूर्व जिन यात्रियों के लिए यात्रा टिकट जारी किए गए हैं, उनसे अनुरोध है कि वे अपनी गाड़ी के समय की जांच अग्रिम रूप से कर लें क्योंकि कुछ गाड़ियों के प्रस्थान का समय निर्धारित समय से पहले होगा। मानसून के दौरान यात्री www.konkanrailway.com या गूगल प्ले स्टोर द्वारा कोंकण रेलवे ऐप डाउनलोड करके उसके उपयोग से अपनी गाड़ी की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

कोंकण रेलवे ने आनेवाले मानसून में यात्रि‍यों का सफ‍र सुर‍‍क्षित‍ तथा सुनिश्चित करने हेतु संरक्षित परिचालन के लिए उपरो‍क्त ‍कदम उठाए हैं।

 

L K Verma
Chief Public Relations Officer