कोंकण रेलवे ने 'मिशन 100% विद्युतीकरण' पूर्ण किया

Konkan Railway accomplishes ‘Mission 100% Electrification’

भारतीय रेलवे का 'मिशन 100% विद्युतीकरण - शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ना' योजना के तहत अपने यात्रियों को पर्यावरण के अनुकूल, हरित और स्वच्छ परिवहन मोड प्रदान करने के लिए अपने पूरे ब्रॉड गेज नेटवर्क को विद्युतीकृत करने का एक मिशन है।

उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, भारत के रेलवे विद्युतीकरण के सबसे बड़े हिस्सों में से हरित परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कोंकण रेलवे ने माननीय प्रधान मंत्री के कुशल नेतृत्व और माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्रालय में माननीय राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे और रेल मंत्रालय में माननीय राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश के मार्गदर्शन में पूरा किया गया।

नवंबर, 2015 में संपूर्ण 741 किलोमीटर मार्ग के विद्युतीकरण के लिए आधारशिला रखी गई थी। इस परियोजना की कुल लागत ₹1287 करोड़ है। मार्च, 2020 से संपूर्ण कोंकण रेलवे मार्ग का सीआरएस निरीक्षण छह चरणों में सफलतापूर्वक किया गया है। रत्नागिरी और थिविम के बीच अंतिम सेक्शन का सीआरएस निरीक्षण 24/03/2022 को किया गया और प्राधिकरण 28/03/2022 को प्राप्त किया गया।

कोंकण रेलवे के कठिन भू-भाग और कोविड-19 महामारी में अनुकूल परिवेश न होने के कारण विद्युतीकरण परियोजना चुनौतीपूर्ण रही है। इसके अलावा कोंकण क्षेत्र में अत्यधिक मानसून के कारण, विद्युतीकरण मिशन को बिना रुके चलने के लिए कई स्थानों पर विशेष व्यवस्था करनी पड़ी।

इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के कई अंतर्निहित लाभों पर ध्यान देना आवश्यक है, जैसे कि ईंधन व्यय में महत्वपूर्ण बचत अर्थात ₹150 करोड़ से अधिक, पश्चिमी तट पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा निर्बाध परिचालन, परिवहन का प्रदूषण मुक्त माध्यम और एचएसडी तेल पर कम निर्भरता।

कोंकण रेलवे भारतीय रेलवे नेटवर्क पर सबसे बड़े रेलवे मार्गों में से एक होने के नाते, नए विद्युतीकृत कोंकण रेलवे मार्ग पर विद्युत कर्षण के साथ गाड़ी परिचालन को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा।

कोंकण रेलवे ने हमेशा से संरक्षा को प्रथम प्राथमिकता दी है और वह राष्ट्र की प्रगति की दिशा में निरंतर कार्यरत रहेगा।

Girish Karandikar
Dy. General Manager / PR