कोंकण रेलवे द्वारा कोंकण कन्या एक्सप्रेस में संकट में फंसी महिला के लिए तत्पर सहायता
दिनांक 11 दिसंबर,2015
कोंकण रेलवे द्वारा कोंकण कन्या एक्सप्रेस में संकट में फंसी महिला के लिए तत्पर सहायता
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श्रीमती रूबियाबी शेख, घाटकोपर में रहने वाली 65 वर्षीय वयोवृद्ध महिला, उनके पति श्री कासम शेख के साथ 10111 डाउन कोंकण कन्या एक्सप्रेस के एस-10 कोच में मुंबई से करमाली तक के लिए यात्रा कर रही थी।
खेड और चिपलूण के बीच इस महिला ने शौचालय से बाहर आते समय जैसे ही दरवाजा खोला वह फिसल गई और उनका पैर भारतीय शैली के कमोड में फंस गया।
उनका चिल्लाना सुन कर, उनके पति जो शौचालय के बाहर रूके थे वे डर गए और उन्होंने अन्य यात्रियों को इस घटना से अवगत कराया। प्राथमिक तौर पर महिला को बचाने के लिए आवश्यक सहायता के रूप में शौचालय का दरवाजा भी निकाला गया। हालांकि, टी.सी., कोच सहायक और अन्य यात्रियों ने भी उन्हें खींचने का प्रयास किया परंतु दरवाजा निकालने के बाद भी उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका। सभी संभव प्रयास और साधनों का उपयोग करने के बावजूद भी गाड़ी चिपलूण से गुजरने तक कोई सफलता नहीं मिली।
गाड़ी रत्नागिरी पहुंचने के बाद क्षेत्रीय रेल प्रबंधक, श्री बी.बी.निकम, डॉक्टरों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संकट में फंसी महिला को निकालने के लिए गाड़ी में पहुंचे। फिर भी महिला को बाहर नहीं निकाला जा सका। इसलिए इस कोच के यात्रियों को दूसरे कोच में बिठाकर कोच को अलग करने और सावधानी से महिला को बिना चोट पहुंचाते हुए कटर की सहायता से भारतीय शैली के कमोड को काटने का निर्णय लिया गया।
महिला के पैर में सुजन आयी हुई थी फिर भी अंत में महिला को सुरक्षित निकाला गया और निवारक उपाय के रूप में आगे की जांच के लिए सिविल अस्पताल, रत्नागिरी ले जाया गया।
कोंकण रेलवे हमेशा अपने महत्वपूर्ण यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सदैव कटिबद्ध है और इसे सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती है।