कोंकण रेलवे मानसून का सामना करने के लिए तैयार
कोंकण क्षेत्र में मानसून कुछ अवधि के बाद अपेक्षित है, कोंकण रेलवे ने अपने मार्ग पर कोलाड (मध्य रेलवे के रोहा स्टेशन के बाद) से ठोकुर (मंगलूरू स्टेशन से पहले) तक सभी नियोजित संरक्षा कार्य पूरे किए हैं और मानसून का सामना करने के लिए तैयार हैं। भू-संरक्षा कार्यों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है जैसे कैच वॉटर ड्रेन क्लीनिंग और कटिंगों का निरीक्षण। पिछले 10 वर्षों में इस रेलवे लाइन पर बड़े पैमाने पर भू-संरक्षा कार्य करने के परिणाम स्वरूप बोल्डर गिरने, मिट्टी खिसकने की घटनाएं काफी कम हो गई हैं और इस प्रकार गाड़ियों का संरक्षित परिचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। पिछले 4 वर्षों में मानसून के दौरान बोल्डर गिरने के कारण गाड़ी सेवाओं में कोई बड़ी बाधा नहीं आयी है।
कोंकण रेलवे ट्रैक पर संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल पथ नियमावली के प्रावधानों के अनुसार मानसून के दौरान गश्त का आयोजन करेगी। मानसून के दौरान कोलाड से ठोकुर तक कोंकण रेल मार्ग पर लगभग 950 कर्मी गश्त लगाने का कार्य करेंगे। असुरक्षित स्थलों पर चौबीसों घंटे गश्त लगायी जाएगी और संवेदनशील स्थलों पर 24 घंटे के लिए स्थायी चौकीदार तैनात किए जाएंगे। असुरक्षित स्थलों पर गति प्रतिबंध लगाए जाएंगे। किसी भी आपात स्थिति के मामले में तत्काल मूवमेंट के लिए सभी नामित स्थानों पर बी.आर.एन. स्थापित एस्कवेटर तैयार रखे गए हैं।
इंजन चालकों को भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कमी आने पर 40 किलोमीटर प्रति घंटा की कम गति से चलाने के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं। मानसून में रात के दौरान कोंकण रेलवे मार्ग पर कोलाड और ठोकुर के बीच चलने वाली नामित गाड़ियों के लिए अधिकारियों / पर्यवेक्षकों द्वारा फुटप्लेट निरीक्षण किया जाएगा। रत्नागिरी और वेरणा (गोवा) में ए.आर.टी.(दुर्घटना राहत गाड़ी), ऑपरेशन थिएटर के प्रावधान के साथ सेल्फ प्रोपेल्ड ए.आर.एम.वी.(दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन) आपातकालीन चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में निरंतर तैयार रखी गई है।
लोको पायलट, स्टेशन मास्टर और अन्य क्षेत्र के अधिकारियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित सभी को मोबाइल फोन प्रदान किए गए हैं। गाड़ी के लोको पायलट और गार्ड दोनों को वॉकी-टॉकी सेट प्रदान किए गए हैं, साथ में कोंकण रेलवे का प्रत्येक स्टेशन 25 वॉट वी.एच.एफ. बेस स्टेशन के साथ सुसज्जित किया गया है। यह ट्रेन क्रू के बीच तथा ट्रेन क्रू और स्टेशन मास्टर के बीच वायरलेस संचार को सक्षम बनाता है। कोंकण रेलवे मार्ग पर आपातकालीन संचार (ई.एम.सी.) सॉकेट औसतन एक किमी की दूरी पर प्रदान किए गए हैं ये गाड़ी परिचालन के दौरान किसी भी आपात स्थितियों में पेट्रोलमैन, वॉचमैन और अन्य क्षेत्र के अनुरक्षण स्टाफ को स्टेशन मास्टर और गाड़ी नियंत्रकों से संपर्क करने में सक्षम बनाते हैं। ए.आर.एम.वी. सेवा होने पर मुख्यालय के नियंत्रण से संपर्क करने के लिए रत्नागिरी और वेरणा स्टेशनों पर स्थित ए.आर.एम.वी.(दुर्घटना राहत मेडिकल वैन) में सैटेलाइट फोन संचार प्रदान किया गया है। कठिन स्थानों पर सिगनल की दृश्यता में सुधार लाने के लिए एल.ई.डी. सिगनल चरणबद्ध तरीके से प्रदान किए जा रहे हैं।
गाड़ियों के संरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने के लिए मानसून अवधि के दौरान तीन नियंत्रण कक्ष अर्थात् बेलापुर, रत्नागिरी और मडगांव 24 x 7 कार्य करेंगे। यात्री www.konkanrailway.com या 139 डायल कर या कोंकण रेलवे के टोल फ्री नंबर 18002331332 पर ट्रेन की स्थिति चेक कर सकते हैं।
हालांकि ऊपरोक्त किए गए उपायों के साथ आगामी मानसून में कोंकण रेलवे अपने यात्रियों की संरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है।
मानसून समय-सारणी 10 जून, 2016 से 31 अक्तूबर, 2016 तक लागू की जाएगी। मानसून समय - सारणी घोषित करने के पूर्व जिन यात्रियों के लिए यात्रा टिकट जारी किए गए हैं, उनसे अनुरोध है कि वे अपनी गाड़ी के समय की जाँच अग्रिम रूप से कर लें क्योंकि कुछ गाड़ियों के प्रस्थान का समय निर्धारित समय से पहले होगा।
मानसून के दौरान यात्री अपनी गाड़ी की जानकारी www.konkanrailway.com पर ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।