कोंकण रेलवे ने मानसून-2022 के लिए कमर कस ली है
कोंकण क्षेत्र, मानसून के दौरान भारी वर्षा के क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। कोंकण रेलवे ने अपने 740 किमी मार्ग पर नियोजित संरक्षा कार्य पूरा कर लिया है और अब मानसून के लिए तैयार हैं। जल निकास की सफाई और कटिंगों के निरीक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में रेलवे लाइन के साथ बड़े पैमाने पर भू-संरक्षा कार्य भी निष्पादित किए गए हैं, इससे बोल्डर गिरने और मिट्टी के खिसकने की घटनाओं में काफी कमी आई है, जिससे ट्रेनों का संरक्षित परिचालन सुनिश्चित हुआ है। पिछले 9 वर्षों में मानसून के दौरान बोल्डर गिरने के कारण रेल सेवाओं में कोई बाधा नहीं आयी है।
कोंकण रेलवे गाड़ियों के संरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार मानसून पैट्रोलिंग की व्यवस्था करेगी। मानसून के दौरान कोंकण रेलवे मार्ग पर लगभग 846 कर्मी गश्त करेंगे। अति संवेदनशील स्थानों पर चौबीसों घंटे गश्त लगाई जाएगी, महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थायी चौकीदार 24 घंटे तैनात किया जाएगा और इन संवेदनशील स्थानों पर गति प्रतिबंध लगाए जाएंगे। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल आवाजाही के लिए सभी नामित पॉइंटों पर बी.आर.एन. माउंटेड एक्सवेटर तैयार रखे गए हैं।
लोको पायलटों को निर्देश दिए गए हैं कि भारी बारिश की स्थिति में दृश्यता कम होने पर गाड़ियों की गति को कम करते हुए 40 किमी प्रति घंटे की गति से गाडियां चलाई जाए। ऑपरेशन थियेटर के प्रावधान और आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए स्वचालित एआरएमवी (दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन) रत्नागिरी और वेर्णा में तैयार रखी गयी हैं। वेर्णा में एआरटी (दुर्घटना राहत ट्रेन) भी तैयार रखी गई है।
आपातकालीन स्थिति में नियंत्रण कार्यालय / स्टेशन से संपर्क करने के लिए सभी संरक्षा श्रेणी के कर्मचारियों को मोबाइल फोन प्रदान किए गए हैं। गाड़ी के लोको पायलट और गार्ड दोनों को वॉकी-टॉकी सेट प्रदान किए गए हैं, साथ ही कोंकण रेलवे का प्रत्येक स्टेशन 25 वाट वी.एच.एफ. से सुसज्जित है। यह गाड़ी चालक दल के बीच और साथ-साथ गाड़ी चालक दल तथा स्टेशन मास्टर के बीच वायरलेस संचार को सक्षम बनाता है। कोंकण रेलवे मार्ग पर औसतन 1 किमी की दूरी पर आपातकालीन संचार (ई.एम.सी.) सॉकेट प्रदान किए गए हैं, जो पैट्रोलमैन, चौकीदार, लोको पायलट, गार्ड और क्षेत्र के रख-रखाव करने वाले अन्य कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति के दौरान स्टेशन मास्टर और नियंत्रण कार्यालय से संपर्क करने के लिए सक्षम बनाते हैं। एआरएमवी में आपातकालीन संपर्क के लिए उपग्रह फोन संचार सुविधा प्रदान की गई है। सिगनल की दृश्यता में सुधार लाने के लिए कोंकण रेलवे पर सभी मुख्य सिगनल एस्पेक्ट को अब एलईडी के साथ बदल दिया गया है।
माणगांव, चिपलूण, रत्नागिरी, विलवडे, कणकवली, मडगांव, कारवार, भटकल और उडुपि इत्यादि 9 स्टेशनों पर सेल्फ-रिकॉर्डिंग रेन गेज लगाए गए हैं, जो क्षेत्र में हुई वर्षा को रिकॉर्ड करेंगे और इसमें वृद्धि होने की स्थिति में अधिकारियों को भी सतर्क करेंगे। पुलों के लिए बाढ़ चेतावनी प्रणाली काली नदी (माणगांव और वीर के बीच), सावित्री नदी (वीर और सापे वामणे के बीच), वाशिष्ठी नदी (चिपलूण और कामथे के बीच) इत्यादि 3 स्थानों पर प्रदान की गई है, जो नदी में अचानक आयी बाढ़ से जल प्रवाह खतरे के स्तर से ऊपर पहुंचने पर अधिकारियों को सतर्क करेगी। हवा की गति पर निगरानी रखने के लिए पानवल वायडक्ट (रत्नागिरी और निवसर के बीच), मांडोवी पुल (थिविम और करमाली के बीच), जुआरी पुल (करमाली और वेर्णा) और शरावती पुल (होन्नावर और मंकी के बीच) इत्यादि 04 स्थानों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं।
संरक्षित गाड़ियों के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मानसून अवधि के दौरान बेलापुर, रत्नागिरी और मडगांव में स्थित नियंत्रण कक्ष 24x7 कार्य करेंगे। मानसून समय सारणी 10 जून, 2022 से 31 अक्तूबर, 2022 तक लागू होगी। मानसून के दौरान यात्री www.konkanrailway.com पर जाकर या गूगल प्ले स्टोर से केआरसीएल ऐप डाउनलोड करके ऑनलाइन या 139 नंबर पर कॉल करके गाड़ी की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उपर्युक्त उपायों के साथ आने वाले मानसून में अपने यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना यह कोंकण रेलवे का लक्ष्य है।