कोंकण रेलवे मानसून-2025 के लिए तैयार

वर्षा ऋतु में कोंकण क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य में निखार आता है और इस अवधि के दौरान परिचालन संबंधी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। ऊबड़-खाबड़ क्षेत्र और इस क्षेत्र में होने वाली भारी वर्षा के कारण सावधानीपूर्वक योजना बनाने और निरंतर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोंकण रेलवे ने बुनियादी संरचना को मज़बूत बनाने, निरंतर निगरानी, ​​गश्त और आपातकालीन सहायता जैसे प्रमुख क्षेत्रों को शामिल करते हुए सक्रिय और व्यापक कार्य योजना कार्यान्वित की है, जिसका उद्देश्य सेवा में आने वाली बाधाओं को कम करना और यात्रियों की सुरक्षा में वृद्धि करना है।

उत्कृष्ट परिचालन के ट्रैक रिकॉर्ड और भू-संरक्षा कार्यों में वृद्धि के साथ कोंकण रेलवे आगामी मानसून के लिए तैयार है। 

मानसून 2025 के लिए प्रमुख तैयारियाँ

बुनियादी संरचनाओं और जल निकासी की तैयारी

● मार्ग पर जल निकासी नालियों की गहराई से सफाई और कटिंगों का निरीक्षण किया गया है।

● चल रहे और पूर्ण किए गए भू-संरक्षा परियोजनाओं से बोल्डर गिरने और मिट्टी गिरने की घटनाओं में भारी कमी की है।

● उल्लेखनीय है कि पिछले एक दशक के दौरान मानसून के समय बोल्डर गिरने की घटनाओं से कोई बड़ी बाधा उत्पन्न नहीं हुई है, जो कोंकण रेलवे के निरंतर, सुव्यवस्थित और प्रभावशाली प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

मानसून गश्त और निगरानी

  • संवेदनशील स्थानों पर चौबीसों घंटे गश्त के लिए 636 प्रशिक्षित कर्मियों को तैनात किया गया है।
  • आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित सहायता सुनिश्चित करने के लिए चिपलूण, रत्नागिरी, कणकवली और वेर्णा में बीआरएन (वैगनों) पर स्थापित खुदाई मशीनों की योजनाबद्ध तैनाती की गई है।
  • रेल अनुरक्षण वाहन (आरएमवी) 9 प्रमुख स्थानों पर तैनात किए हैं: वीर, चिपलूण, रत्नागिरी, राजापुर रोड, कुडाल, वेर्णा, कारवार, भटकल और उडुपि।
  • तत्काल कार्रवाई के लिए माणगांव, चिपलूण, रत्नागिरी, कणकवली, करमाली, कारवार और उडुपि में टावर वैगन तैयार रखे गए हैं।

संरक्षा के लिए परिचालन सुधार

  • भारी वर्षा के कारण दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों को ट्रेन की गति 40 किमी/घंटा तक कम करने का सख्त निर्देश दिए गए हैं।
  • रत्नागिरी एवं वेर्णा में ऑपरेशन थिएटर एवं आपातकालीन चिकित्सा सहायता से युक्त स्व-चालित दुर्घटना राहत मेडिकल वैन (ARMV) तैनात हैं।
  • वेर्णा में दुर्घटना राहत ट्रेन (ART) तैनात है, जिसके द्वारा 15 मिनट के भीतर तत्काल कार्रवाई की जा सकती है।
  • जलस्तर 100 मिमी से अधिक होने पर यात्रियों की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन सेवाएँ अस्थायी रूप से स्थगित कर दी जाती हैं और जलस्तर सामान्य होने पर पुनः प्रारंभ की जाती हैं।

उन्नत संचार प्रणाली

  • संरक्षा कर्मियों को आपातकालीन स्थिति में नियंत्रण कक्ष/स्टेशन से त्वरित संपर्क सुनिश्चित करने हेतु मोबाइल फोन प्रदान किए गए हैं।
  • लोको पायलटों और गार्डों को वॉकी-टॉकी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
  • सभी स्टेशनों पर 25-वाट की वीएचएफ सेट स्थापित हैं, जो ट्रेन क्रू और स्टेशन मास्टर के बीच निर्बाध और प्रभावी वायरलेस समन्वय सुनिश्चित करती हैं।
  • प्रत्येक 1 किलोमीटर की दूरी पर आपातकालीन संचार (ईएमसी) सॉकेट स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से पेट्रोलमैन, वॉचमैन, लोको पायलट, गार्ड तथा अन्य क्षेत्र के रख-रखाव करने वाले कर्मचारी नियंत्रण कक्ष से तत्क्षण संपर्क कर सकते हैं।
  • एआरएमवी में सैटेलाइट फोन स्थापित किए गए हैं, जो आपदा प्रबंधन के दौरान संचार क्षमता को सुदृढ़ करते हैं।

प्रौद्योगिकी-आधारित निगरानी

  • कम रोशनी और कोहरे की स्थिति में बेहतर दृश्यता के लिए एलईडी सिगनल लगाए गए हैं।
  • वर्षा के स्तर की निगरानी और कर्मियों को सतर्क करने के लिए नौ स्टेशनों (माणगांव, चिपलूण, रत्नागिरी, विलवडे, कणकवली, मडगांव, कारवार, भटकल और उडुपि) पर सेल्फ-रिकॉर्डिंग रेन गेज लगाए गए हैं।
  • जल स्तर खतरे के स्तर तक पहुंचने पर कर्मियों को सतर्क करने के लिए तीन पुलों अर्थात काली नदी (माणगांव और वीर के बीच), सावित्री नदी (वीर और सापेवामणे के बीच) और वाशिष्ठी नदी (चिपलूण और कामथे के बीच) पर बाढ़ चेतावनी प्रणाली लगाई गई है।
  • हवा की गति की निगरानी के लिए चार स्थानों अर्थात पानवल वायाडक्ट (रत्नागिरी और निवसर के बीच), मांडोवी पुल (थिविम और करमाली के बीच), जुआरी पुल (करमाली और वेर्णा) और शरावती पुल (होन्नावर और मंकी के बीच) पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं। 

चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष:

  • मानसून अवधि के दौरान संरक्षित रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए बेलापुर, रत्नागिरी और मडगांव में नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे संचालित किए गए हैं। 
  • किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिपलूण, रत्नागिरी, वेर्णा, मडगांव, कारवार और उडुपि में चिकित्सा टीम तैनात हैं।

मानसून समय-सारणी एवं यात्रियों के लिए सूचना

  • 15 जून से 20 अक्तूबर, 2025 तक मानसून समय-सारिणी लागू की गई है।
  • इस अवधि के दौरान संरक्षा सुनिश्चित करने और चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति का सामना करने के लिए सेक्शन में गाड़ी की गति कम कर दी गई है।
  • कोंकण रेलवे द्वारा दैनिक मौसम की जानकारी प्राप्त करने हेतु भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ निरंतर और प्रभावी समन्वय स्थापित किया जाता है।
  • यात्री www.konkanrailway.com पर ऑनलाइन या 139 डायल करके गाड़ी की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • कोंकण रेलवे इन व्यापक तैयारियों के साथ अपने यात्रियों की संरक्षा और आरामदायक यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसका लक्ष्य, मानसून के दौरान यात्रियों के लिए संरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान कराना है।

कोंकण रेलवे संरक्षा, कार्यक्षमता और यात्री संतुष्टि के प्रति दृढ़ प्रतिबद्ध है। व्यापक तैयारी, तकनीकी उपायों और सटीक समन्वय के माध्यम से, कोंकण रेलवे मानसून के दौरान कोंकण क्षेत्र में यात्राओं को न केवल सुरक्षित और निर्बाध बनाता है, बल्कि यात्रियों को विश्वसनीय और आरामदायक अनुभव भी प्रदान करता है।

गिरीश करंदीकर
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी