कोंकण रेलवे और नराकास, नवी मुंबई को राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

हिंदी दिवस के अवसर पर गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा 14 सितंबर, 2025 को गांधीनगर में पांचवे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता मा. गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने की। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सरकार के विभिन्न कार्यालयों, उपक्रमों एवं बैंकों को हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और राजभाषा के कार्यान्वयन में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कोंकण रेलवे को वर्ष 2024-25 के लिए ‘ख’ क्षेत्र के उपक्रमों में राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्टता के लिए द्वितीय के ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान मा. केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी एवं राज्य सभा सांसद श्री दिनेश शर्मा जी के कर-कमलों से प्रदान किया गया। यह पुरस्कार कोंकण रेलवे को दसवीं बार प्राप्त हुआ है, जो उसके निरंतर समर्पण और उत्कृष्ट कार्य का प्रमाण है।

इसी प्रकार, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), नवी मुंबई को ‘ख’ क्षेत्र की नगर राजभाषा समितियों की श्रेणी में प्रथम स्थान के ‘नराकास राजभाषा सम्मान पुरस्कार’ से गौरवान्वित किया गया। इस पुरस्कार को नराकास, नवी मुंबई के अध्यक्ष श्री सन्तोष कुमार झा एवं सदस्य-सचिव श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ला ने ग्रहण किया। कोंकण रेलवे विगत आठ वर्षों से नराकास, नवी मुंबई का कार्य-संचालन कर रही है। यह पुरस्कार नराकास को सातवीं बार प्राप्त हुआ है।

इस गरिमामयी समारोह में कोंकण रेलवे के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सन्तोष कुमार झा द्वारा रचित काव्य संग्रह "स्याही का सिपाही" का भी लोकार्पण किया गया, जो हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

अखिल भारतीय सम्मेलन के दूसरे दिन, 15 सितंबर, 2025 को नराकास, नवी मुंबई के सदस्य-सचिव श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ला और उप-सचिव श्री सदानंद चितले को ‘सर्वश्रेष्ठ नराकास सम्मान’ से नवाजा गया, जिसे मा. सचिव, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, श्री अंशुली आर्या द्वारा प्रदान किया गया।

कोंकण रेलवे और नराकास, नवी मुंबई द्वारा हिंदी और राजभाषा के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार में किए जा रहे समर्पित प्रयासों की व्यापक सराहना हो रही है। यह लगातार पुरस्कार प्राप्ति इस बात का द्योतक है कि हिंदी को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित भी है।

 

नराकास राजभाषा सम्मान पुरस्कार - 2025
सुनिल नारकर
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी