श्री राजीव कुमार मिश्रा ने कोंकण रेलवे में निदेशक (रेलपथ एवं कार्य) के पद का कार्यभार ग्रहण किया

श्री राजीव कुमार मिश्रा ने दिनांक 01.10.2025 को कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड में निदेशक (रेलपथ एवं कार्य) पद का कार्यभार ग्रहण किया। वे भारतीय रेल सेवा (सिविल इंजीनियरिंग) — आईआरएसई, 1992 बैच के अधिकारी हैं। कोंकण रेलवे में इस पद का कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व वे मध्य रेलवे में मुख्य ट्रैक इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे।

उन्होंने आईआईटी रूड़की सेबी.ई.(सिविल), आईआईटी दिल्ली से एम.टेक (बिल्डिंग साइंस एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट), जेबीआईएमएस, मुंबई से मास्टर्स इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट (एम.एफ.एम.) तथा मुंबई विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं।

उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिनमें भारतीय रेल सिविल इंजीनियरिंग संस्थान, पुणे, पूर्व रेलवे स्टाफ कॉलेज, वडोदरा, आईएनसीईएडी, सिंगापुर, आईसीएलआईएफएफ, कुआलालंपुरइंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद तथा आईआईटी, बॉम्बे शामिल हैं।

उन्हें रेलवे बुनियादी संरचना के निर्माण, रख-रखाव, नवीनीकरण एवं उन्नयन के क्षेत्र में 31 वर्षों से अधिक का गहन एवं व्यापक अनुभव है। उन्हें परियोजना प्रबंधन, बजट नियंत्रण, श्रमशक्ति नियोजन, भंडारण प्रबंधन, कार्य नियोजन एवं क्रियान्वयन जैसे क्षेत्रों में विस्तृत अनुभव है। उन्होंने मुंबई उपनगरीय सेक्शन, भोर (खंडाला) एवं थाल (कसारा) घाट जैसे अत्यंत चुनौतीपूर्ण रेल सेक्शनों के साथ-साथ कई नए बड़ी लाइन एवं दोहरीकरण परियोजनाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सफल संचालन करते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें पुणे–मिरज दोहरीकरण परियोजना, पनवेल–करजत, अहमदनगर–बीड–परली वैजनाथ तथा लोणंद–फलटन नई रेल लाइन परियोजनाएं, विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की, मध्य रेलवे पर स्टेशन विकास एवं भूमि प्रबंधन से संबंधित कार्य शामिल हैं। उनके नेतृत्व में कसारा घाट में 180 फीट ऊँचे एहगांव वायाडक्ट के री-गर्डरिंग कार्यमुंबई उपनगरीय सेक्शन में 15 कोच वाली ट्रेनों का संचालन प्रारंभ कराने तथा हैनकॉक और ‘पतरी पुल’ जैसे पुलों को हटाने वाले जटिल अभियांत्रिकी कार्यों को भी सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है। मुंबई उपनगरीय सेक्शन में उन्होंने पटरियों के रख-रखाव, नवीनीकरण एवं उन्नयन के क्षेत्र में कई नई तकनीकों को अपनाया — जैसे लॉन्ग वेल्डेड रेल्स, बीसीएम द्वारा डीप स्क्रीनिंग, पुलों का सेगमेंटल बॉक्स निर्माण, मक स्पेशल संचालन तथा आरसीसी बाउंड्री वॉल का निर्माण किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मध्य रेलवे के संपूर्ण नेटवर्क 9348 किमी पटरियाँ और 9752 टर्नआउट्स के रख-रखाव कार्यों का भी प्रभावी संचालन किया तथा अमन लॉज से माथेरान तक रेल शटल सेवा का प्रारंभ कराने में प्रमुख भूमिका निभाई। 

उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए उन्हें दो बार प्रतिष्ठित महाप्रबंधक पुरस्कार से सम्मानित किया गया — पहली बार वर्ष 2009 में और पुनः वर्ष 2016 में। इसके अतिरिक्त, उन्हें इकाई प्रमुख के रूप में दो बार महाप्रबंधक - श्रेष्ठ निर्माण इकाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें अनेक व्यक्तिगत एवं सामूहिक पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं, जिनमें विशेष रूप से मध्य रेलव के मुंबई मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख के रूप में ट्रैक आधुनिकीकरण शील्ड प्राप्त हुई। अपने शैक्षणिक जीवन के दौरान उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर उन्हें सिल्वर मेडल तथा थॉमसन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

Sunil B. Narkar
Chief Public Relations Officer